इसमें कहा कि बनास नदी में बजरी का खनन कर ककराज कलां के चरागाह पर भण्डारण किया जा रहा है। ग्रामीण इसकी शिकायत करते हैं तो खननकर्ता उन्हें डराते हैं। वहीं ग्रामीणों के पास मवेशियों को चराने में संकट खड़ा हो गया है। जबकि दो दिन पहले ही जिला कलक्टर आर. सी. ढेनवाल ने बनास नदी में बजरी खनन, परिवहन तथा भण्डारण पर कार्रवाई के लिए उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता वाली टीम का गठन किया है।
read more: फिर से पीएचईडी विभाग ने जारी किए आदेश, जयपुर शहर में अभियंताओं के हुए तबादले इस टीम में सम्बन्धित थाना प्रभारी, खनिज तथा राजस्व विभाग शामिल है। जबकि ग्रामीणों की ओर से दी गई शिकायत से साबित हो रहा है कि जिला प्रशासन की बनाई गई टीम फाइलों तक ही सीमित है। टीम बनने के बाद ही ग्रामीणों ने बजरी खनन की शिकायत की है।
इसमें रामबिलास, रमेश, जगदीश, राजाराम, हीरालाल, भंवरलाल, रामलाल व रामदयाल समेत अन्य ने बताया कि पीपलू के ककराजकलां गांव में 80 बीघा में चरागाह है। बनास नदी में खनन के बाद इस पर बजरी का भण्डारण किया जा रहा है।
read more:राजस्थान के टैक्सी चालक की बेटी थायलैण्ड में खेलेगी सस्टोबॉल यहां दिनरात ट्रक व अन्य वाहन बजरी भरकर सडक़ों पर दौड़ते हैं। इसकी शिकायत भी की जाती है, लेकिन ना तो पुलिस कार्रवाई करती है और ना ही अन्य अधिकारी। ऐसे में ग्रामीणों को डर सता रहा है कि खननकर्ता चरागाह पर कब्जा भी कर लेंगे। दूसरी ओर ग्रामीणों के सामने मवेशियों को चराने का संकट खड़ा हो गया है।
मारपीट पर उतारू हो जाते हैं
ग्रामीणों ने कलक्टर को दी शिकायत में बताया कि बजरी खननकर्ता चरागाह पर कब्जा जमाए बैठे हैं। चरागाह को खाली करने के लिए कहा जाता हैकि खननकर्ता ग्रामीणों के साथ मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। साथ ही गाली-गलौच भी करते हैं। ऐसे में वे खननकर्ताओं से डरे हुए हैं।
read more:बनास नदी की गहलोद रपट व पुल के लिए होगा सर्वे, दर्जनों गांवों के लोगों को आवागमन में मिलेगी सुविधा दफ्तर से बाहर निकाले प्रशासन की टीम राज्य सरकार को लगातार मिली शिकायत के बाद मुख्य शासन सचिव बनास नदी में बजरी खनन, परिवहन तथा भण्डार पर कार्रवाई के निर्देश दिए। इस पर कलक्टर ने टीम का गठन तो किया, लेकिन ये टीम दफ्तर से बाहर नहीं निकल रही है।
जबकि इस टीम को जरूरत ये है कि वह प्रत्येक गांव में रहने वाले पटवारी, शिक्षक समेत अन्य कर्मचारियों की मदद लेकर खनन की जानकारी जुटा सकता है। उसी आधार पर कार्रवाई की जा सकती है, लेकिन फिलहाल जिले में ऐसा नहीं हो रहा है।