read more : खेलों इण्डिया : स्पोट्र्स मीट में दिखाया दमखम साथ ही समाज की बैठक में अपशब्द कहने पर 1100 रुपए दण्ड स्वरूप वसूलने तथा आगामी 23 फरवरी को ग्राम सुभानपुरा में बैठक आयोजित किए जाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया।
read more : चुनाव के लिए सरकार तैयार- सचिनभागवत कथा आयोजितपचेवर. आवड़ा गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के दौरान सोमवार को कथा वाचक साध्वी सुभद्राजी ने कई प्रसंग बताए। इस दौरान कथा सुनने के लिए काफी श्रद्वालु उपस्थित रहे। इस दौरान साध्वी ने बताया कि जब-जब पृथ्वी पर पाप का बोझ बढ़ता है तो प्रभु उस पाप का हरण करने के लिए मानव रूप में अवतार लेते है।
read more : टोंक की रेल पक्की, केन्द्र से करेंगे बात-सचिन डिग्गी. डिग्गी-सोहेला मार्ग पर सोहेला से 53 किलोमीटर व डिग्गीमोड़ से 10 किलोमीटर की दूरी पर मालपुरा उपखण्ड की अन्तिम सीमा पर बसा लावा गांव आधुनिक सुविधाओं से तो परिपूर्ण लगता है, लेकिन हकीकत में आज भी गांव की गिनती पिछड़े गांवों में ही की जाती है, इसका मुख्य कारण विकास के प्रति उदासीनता रही है।
लावा ग्राम पंचायत में लावा, गणेशपुरा, भैरूपुरा, नयागांव, बालापुरा, चौरुपुरा, हजारीपुरा, नारायणपुरा ढाणी शामिल है। गंाव की आबादी लगभग 15 से 18 हजार है। रोजगार के अभाव में बेरोजगार युवक शहरों की तरफ पलायन करने को मजबूर है। अनियमित विद्युत आपूर्ति व थ्री फेस लाइट नहीं आने के कारण उद्योग धन्धे ठप हो गए। गंाव की अधिकांश जनता कृषि कार्य पर ही निर्भर है।
गांव में कृषि मण्डी का अभाव है जिसके चलते किसानों को 25 किलोमीटर दूर मालपुरा कृषि मण्डी में अपना माल लेकर जाने में अनावश्यक खर्च वहन करना पड़ता है। गांव में गत 22 साल से रोड लाइटों के नहीं जलने से रात्रि के समय गांव के सभी मार्गों पर अंधेरा छाया रहता है।
read more : पंचायत चुनाव: भय मुक्त होकर मतदान के लिए पुलिस व आरएसी के जवानों ने किया फ्लैग मार्चचिकित्सालय एक किमी दूर गंाव के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है जो भी गंाव से एक किलोमीटर दूर होने से ग्रामीणों को चिकित्सा व्यवस्था का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है, जिसके चलते नीम-हकीमों की पौ-बारह हो रही है। अस्पताल में महिला चिकित्सक, एक्स-रे मशीन, सोनोग्राफी सहित कई संसाधनों का अभाव है।
जिससे ग्रामीणों को उपवार व महिलाओं को प्रसव के लिए 25 किलोमीटर दूर मालपुरा जाना पड़ता है।
राज्य सरकार की ओर से 15 साल पूर्व लावा में मिनी सचिवालय की स्थापना की गई थी। मिनी सचिवालय खोले जाने पर ग्रामीणों ने सभी सरकारी कार्य एक ही स्थान पर होने की उम्मीद बांधी थी, लेकिन आज भी ग्रामीणों को अपने सरकारी कार्यों के लिए अलग-अलग स्थानों पर बने कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते है।
पचेवर के आवड़ा गांव में भागवत कथा सुनते श्रद्वालु।