scriptvideo: मछुआरों के सहयोग से दूसरे दिन जाल डालकर निकाला बनास में डूबे युवक का शव | Milk's body found in second day found | Patrika News
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video: मछुआरों के सहयोग से दूसरे दिन जाल डालकर निकाला बनास में डूबे युवक का शव

बीसलपुर बांध के जलभराव व पास ही स्थित दह सहित शिलाबारी में हर वर्ष डूबने से कई महिला-पुरुषों की मौत होती है।

टोंकApr 17, 2019 / 10:26 am

pawan sharma

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video: मछुआरों के सहयोग से दूसरे दिन जाल डालकर निकाला बनास में डूबे युवक का शव

राजमहल. कस्बे के करीब बनास नदी के शिलाबारी दह मेें नहाने का लुत्फ उठाने के दौरान डूबे युवक का शव पुलिस ने मंगलवार सुबह बाहर निकाल लिया। दूनी थाना प्रभारी नरेश कंवर ने बताया कि मृतक बूंदी निवासी रोहन (29) पुत्र प्रेमपाल भाटिया है।
वह सोमवार शाम दोस्त भरतपुर निवासी अर्जुन कुमार, जितेन्द्र कुमार, अभय कुमार, रतनपुरा देवली निवासी राकेश मीणा, देवली निवासी हंसराज, नासिरदा निवासी ओमप्रकाश, कोटा निवासी महिपाल व देवेन्द्र के साथ बनास नदी के शिलाबारी दह के तट पर पिकनिक मनाने आए थे।
सभी दोस्त दह के पानी में नौकायन का आनंद ले रहे थे। तभी रोहन नाव से पानी में कूद कर नहाने लगा। अन्य दोस्त नाव में बैठकर मोबाइल फोन से सेल्फी ले रहे थे। तभी रोहन गहरे पानी में चला गया।
सूचना के बाद दूनी थाना प्रभारी, पौल्याड़ा पुलिस चौकी प्रभारी जगदीश चौधरी, राजमहल के उप सरपंच तेजा राम आदि ग्रामीण घटना स्थल पर एकत्र हो गए।

बीसलपुर बांध के मछली ठेकेदार के मछुआरों को बुलाकर रोहन की देर रात तक तलाश की गई, लेकिन अन्धेरा होने व तेज अंधड़ के चलते बाहर नहीं निकाल पाए।
मंगलवार सुबह दोबारा मछुआरों के सहयोग से पानी में मछली का जाल डालकर राहत कार्य शुरू किया गया। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद शव को पानी से बाहर निकाला गया। देवली चिकित्सालय में पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
जल्द होनी वाली थी शादी
मृतक का छोटा भाई राहुल व बड़ी बहन सोनिया है। दोनों भाई कुंवारे थे। वहीं बहन की शादी हो चुकी है। रोहन की शादी भी जल्द ही होनी थी, लेकिन इससे पहले ही वह मौत के आगोश में समा गया।
उधर बूंदी स्थित न्यू कॉलोनी में मतृक के घर पर व बनास नदी में शनिवार शाम से ही परिजनों का जमावड़ा लग गया। जहां परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। मृतक निजी कम्पनी में रिकवरी का कार्य करता था।

नहीं है गौताखोर की सुविधा
बीसलपुर बांध के जलभराव, पास ही स्थित दह सहित शिलाबारी में हर वर्ष डूबने सेकई महिला-पुरुषों की मौत होती है। राहत कार्य के लिए प्रशासन को गौताखोर के अभाव में घंटों इंतजार के साथ साथ कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
बाद में स्थानीय तैराकों व मछुआरों को बुलाना पड़ता है। इससे मृतकों के परिजनों का बुरा हाल रहता है। सोमवार शाम को भी ऐसा ही हुआ।

बनास में घटना के बाद दूनी थाना पुलिस मौके पर तो पहुंच गई, लेकिन गौताखोर के अभाव में बगले झांकने लगे। दो घंटे बाद बीसलपुर बांध के मछली ठेकेदार के मछुआरों को बुलाकर शव की तलाश शुरू की गई।
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