उन्होंने कहा कि फिल्म पद्मावती के दिखाए जाने वाले चरित्र से प्रदेश के राजपूत समाज ही नहीं सभी वर्गों को ठेस पहुंची है। ऐसे में इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि फिल्म लोगों के मनोरंजन के लिए बनाई जाती है। इसमें इतिहास को भी शामिल करना चाहिए, लेकिन उसमें छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विवादित फिल्म को प्रतिबंध करना ही
बेहतर होगा।
27 को करेंगे प्रदर्शन
विवादित पद्मावती फिल्म का विरोध जिले में बढ़ता जा रह है। जगह-जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इसी के तहत राजपूत समाज की ओर से 27 नवम्बर को टोंक में फिल्म निर्र्देशक संजय लीला भंसाली के खिलाफ प्रदर्शन कर उनका पुतला फूंका जाएगा।
इसका निर्णय राजपूत महासभा की जगदम्बा राजपूत छात्रावास में जिलाध्यक्ष महेंद्र सिंह राणावत की अध्यक्षता में हुई बैठक में किया गया। इसमें जिले से आए राजपूत समाज के लोगों ने पद्मावती फिल्म की रिलीज रोकने एवं प्रदर्शन की रूपरेखा तैयार की।
महासभा के महामंत्री
हनुमान सिंह सोलंकी ने बताया कि फिल्म को रिलीज होने से रोकने एवं फिल्म को प्रतिबंधित करने के लिए जिला कलक्टर को सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।
पुतला फूंक कर ज्ञापन सौंपा टोडारायसिंह. निर्माता संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती में इतिहास से जुड़े तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करने के विरोध में सर्वधर्म महासभा की ओर से रैली निकाली व प्रदर्शन कर पुतला फूंका तथा उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में बताया कि फिल्म निर्माता ने इतिहास से जुड़े तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कर न केवल हिन्दू समाज की भावनाओं को आहत किया, बल्कि पद्मावती की गौरवमयी छवि को धूमिल करने की कोशिश की है। इतिहास में जिस रानी पद्मावती ने अलाउद्दीन खिलजी से अपने सतीत्व की रक्षार्थ 16 हजार हिन्दू स्त्रियों के साथ जौहर किया।
ऐसा जौहर का पूरे विश्व में दूसरा कोई उदाहरण नहीं है। उन्होंने जनभावनाओं को देखते हुए फिल्म के प्रदर्शन नहीं रोकने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। इससे पहले सर्वधर्म समाज की रैली विश्राम गृह से विधायक कन्हैयालाल चौधरी, पालिकाध्यक्ष संतकुमार जैन की अगुवाई में रवाना हुई।
रैली में राजपूत महासभा तहसील अध्यक्ष मदन सिंह, राजनारायण पारीक, भागीरथ सिंह, जगराज सिंह, सरप्रताप सिंह, सुखदेव सिंह,
रणवीर सिंह , चन्द्रदेव सिंह, दशरथ सिंह, इंदूशेखर शर्मा, दुर्गाप्रसाद शर्मा, नरेन्द्र पाण्डेता, अनिरुद्ध सिंह, अरविन्द सिंगोदिया मौजूद थे।