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टोंक

पांच साल से कर रहे काम, लेकिन टोल कम्पनी मानदेय नहीं बढ़ा रही है

टोंक. मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर सोनवा टोल के कार्मिकों ने मंगलवार से हड़ताल शुरू कर दी।

टोंकJun 20, 2018 / 11:42 am

Kamal Bairwa

टोलकर्मी

टोंक के पास सोनवा टोल प्लाजा पर हड़ताल पर बैठे टोलकर्मी।

टोंक. मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर सोनवा टोल के कार्मिकों ने मंगलवार से हड़ताल शुरू कर दी। उन्होंने इसके लिए उच्चाधिकारियों को पत्र भी भेजे। वहीं हड़ताल होने के बाद से शाम तक टोल के अधिकारी उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे थे।
टोल कर्मी, मोहनलाल गुर्जर, महावीरप्रसाद जाट, सत्तार खान, राजेश, राजेन्द्र, कमलेश, भूपेन्द्रसिंह, सत्यनरायण, महावीर, मुकेश आदि ने बताया कि वे सोनवा टोल पर गार्ड तथा ट्रेफिक के पद पर गत पांच सालों से काम कर रहे हैं, लेकिन कम्पनी की ओर से मानदेय नहीं बढ़ाया जा रहा है। अधिकारियों की ओर से कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके चलते उन्होंने हड़ताल शुरू कर दी।
स्कूलों में नामांकन के लिए घर-घर पहुंच रहे शिक्षक
टोंक. जिले के सरकारी स्कूल खुल गए। पहले दिन स्कूलों में बच्चों की संख्या नाम मात्र की रही। ऐसे में शिक्षक विद्यार्थियों के घर मनुहार कर उन्हें लाने के लिए पहुंचे। पहले दिन विद्यार्थी स्कूल नहीं आए तो वे स्वयं उन्हें लेने के लिए घर पहुंच गए। वे पुराने नामांकित तथा नए प्रवेश वाले बच्चों से भी सम्पर्क करते रहे। मेहंदवास में तो प्रधानाध्यापिका रेखा वर्माने रक्षा सूत्र बांध तिलक लगाया। वहीं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय छाण में छात्रा को लेपटॉप का वितरण किया।
तिलक लगाकर स्वागत किया
बंथली. रौनक पब्लिक स्कूल भरनी में कृषि संकाय विषय में नवप्रवेशित विद्यार्थियों का निदेशक गोपालदत्त शर्मा व अध्यापकों ने माला पहना स्वागत किया। व्यवस्थापक राकेश सैनी ने बताया कि इस दौरान कक्षा दसवीं में उच्च अंक लाने वाले विद्यार्थियों को शील्ड देकर सम्मान भी किया गया। इस मौके पर संचालक गिरधर गौतम, हरिराम प्रजापत थे।
एडीजे कोर्ट खोला जाए, वकीलों ने सौंपा ज्ञापन
निवाई. पीडि़त संघर्ष समिति ने निवाई में एडीजे न्यायालय की स्थापना कराने की मांग को लेकर अध्यक्ष एडवोकेट गोपाल सुरेली के नेतृत्व में एसडीओ को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि निवाई में कोर्ट की स्थापना हुए करीब 38 वर्ष हो चुके हंै। इसी के साथ एडीजे कोर्ट की आवश्यकता हो गई है। एडीजे कोर्ट खोलने के लिए पर्याप्त आंकड़े हैं तथा यथोचित प्रकरण संख्या है। एडीजे कोर्ट नहीं होने से पक्षकारान को जिला मुख्यालय जाना पडता है। ज्ञापन सौंपने वालों में एडवोकेट रामजीलाल नोहटा, कन्हैयालाल मीणा, हीरालाल जाट, रामअवतार शर्मा, नरेन्द्र कुमार जाट, राजेन्द्र खटीक मौजूद थे।
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