सिविल लाइन क्षेत्र में इन दिनों नईसडक़ का निर्माण कराया जा रहा है। जबकि घंटाघर से लेकर छावनी तक पेचवर्कका कार्यकिया जा रहा है। जबकि पाइप लाइन यहां भी डाली गई थी, लेकिन पेचवर्कमें भी खानापूर्तिकी जा रही है। वहीं चौंकाने वाली बात ये भी हैकि सबसे पहले जहां कार्यकी शुरुआत हुई, वो सडक़ आरयूआईडीपी तथा अन्य विभाग को दिख ही नहीं रही है। ये सडक़ हैबस स्टैण्ड से छावनी वाली। यहां पाइप लाइन डालने का कार्यढाईसाल पहले हुआ था। इसके पेचवर्कमें बरती गई, लापरवाही आज गड्ढों का रूप ले चुकी है।
एक समय में शहर का हाइवे रहने वाली मोतीबाग-धन्नातलाईसडक़ इन दिनों गांवों की कच्ची राहों से भी बदतर है। यहां साल भर पहले सीवरेज लाइन डाल तो दी गई, लेकिन मरम्मत अब तक नहीं की गई। ऐसे में गड्ढों में तब्दील ये सडक़ वाहन चालकों को जख्म दे रही है।इसके अलावा शहर के अन्य इलाकों के भी ऐसे ही हालात है।
शहर में प्रवेश करने वाली मुख्य सडक़ें इन दिनों बदतर है। इसमें कोटा से डिपो होते हुए टोंक आनी वाली सडक़ का तो नामोनिशान तक मिट गया है। यहां सडक़ के नाम पर महज कंकरीट ही है। चालक चाहकर भी निर्धारित गति से वाहन नहीं चला सकता। इस मार्ग पर रहने वाले लोगों को मिट्टी से परेशानी हो रही है। इसी प्रकार जयपुर बायपाय तथा बमोर पुलिया से बस स्टैण्ड तक आने वाली सडक़ पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।