इनमें ‘शाला दर्पण’ व ‘शाला दर्शन’ पोर्टल की सूचनाएं अपलोड करना भी शामिल है। ऐसे में पीईईओ इसको लेकर पशोपेश में है कि नित नए आदेश उनके लिए गलफांस बनते जा रहे है। उल्लेखनीय है कि पंचायत क्षेत्र में संचालित सरकारी विद्यालयों में शिक्षण की गुणवत्ता, संसाधन बढ़ाने को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से गत दिनों क्षेत्र के बड़े राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्राचार्यों को पीईईओ(पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी) का दर्जा दिया गया है।
इसके साथ ही ग्राम पंचायत क्षेत्र के सभी सरकारी विद्यालयों का प्रशासनिक नियंत्रण प्राचार्य को सौंपा गया है। ऐसे में उनके अधीन चल रहे आधा दर्जन से अधिक विद्यालयों की सूचनाएं ऑनलाइन किए जाने की जिम्मेदारी भी पीईईओ के कंधों पर डाल दी गई है।
इसके तहत प्रारम्भिक व माध्यमिक स्तरीय विद्यालयों में इन दिनों सभी सूचनाएं ऑनलाइन की जा रही है। इसके लिए ‘शाला दर्पण’ व ‘शाला दर्शन’ पोर्टल में प्रधानाध्यापकों को अधीन विद्यालयों की सूचनाएं अपलोड करने की जिम्मेदारी पहले से है। जिले में 230 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय संचालित है।
शाला दर्शन व शाला दर्पण
विद्यालयों की सभी सूचनाएं ऑनलाइन करने के लिए विभाग की ओर से प्रारम्भिक विद्यालयों के लिए शाला दर्शन व माध्यमिक स्तरीय विद्यालयों के लिए शाला दर्पण पोर्टल संचालित किया गया है। इनमें विद्यालयों की श्रेणी, बेसिक प्रोफाइल, कार्मिकों की संख्या, विद्यालयों की सुविधा, नामांकन की स्थिति, रिकार्ड, वैकल्पिक विषय, संकाय, अक्षय पेटिका की स्थिति, कार्य संग्रहण, साइकिल वितरण आदि की सूचनाएं शाला दर्पण में अपलोड की जानी है। जबकि मिडडेमील, नामांकन, पुस्तकों की संख्या समेत अन्य सूचनाएं शाला दर्शन में अपलोड की जाती है।
पद तो दिया, स्टाफ नहीं
सूचनाओं का भार अधिक होने के साथ ही विद्यालयों में ऑपरेटरों का अभाव है। गांवों में बिजली कटौती जारी रहने से कम्प्यूटर अनुपयोगी साबित हो रहे है। बिन प्रशिक्षण सूचनाएं अपलोड करना पीईईओ की गलफांस बन गए है।
विद्यालयों में ही काम की अधिकता होने से सूचनाओं का आदान-प्रदान पीईईओ के लिए भारी साबित हो रहा है। नित नए आदेशों की पूर्ति करना प्राचार्यों के लिएभारी पड़ रहा है। इसके बाद अब पंचायत क्षेत्र के साक्षरता एवं सतत शिक्षा से सम्बन्धित योजनाएं इनमें सम्पूर्ण साक्षरता, उत्तर साक्षरता, उत्तर साक्षरता, सतत शिक्षा, शिक्षण एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण शिविर व साक्षर भारत कार्यक्रम आदि शामिल है।
ग्राम पंचायत स्तर पर इन योजनाओं का क्रियान्वयन व समन्वयन की जिम्मेदारी को लेकर पीईईओ को साक्षरता अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही साक्षरता सम्बन्धी योजनाओं के संचालन, मॉनिटरिंग व समीक्षा का दायित्वभी दिया गया है।
लैब पर पड़े हंै ताले
ग्रामीणक्षेत्रों के कई विद्यालयों के कम्प्यूटर सिस्टम चोर ले गए। समय से बिजली नहीं आती। कई दिनों तक लैब के ताले नहीं खुलते। शिक्षकों के पद रिक्त होने से प्राचार्यों को कक्षाएं लेनी पड़ रही है। विभाग की ओर सेभी कक्षाएं लेने के निर्देश है। ऐसे में पोर्टल पर समय से सूचनाएं भेजने के साथ साक्षरता की जिम्मेदारी टेढ़ी खीर साबित होगा।
विद्यालयों की जिम्मेदारी के साथ-साथ पंचायत क्षेत्र का भी कार्य पहले है। इसके बाद साक्षरता प्रभारी का दायित्व मिलने से कार्यभार ओर बढ़ जाएगा।
रमेशसिंह, प्राचार्य, राउमावि भरनी। मूल काम छोड़ इनमें व्यस्त
अतिरिक्त जिम्मेदारी देने के साथ स्टाफ बढ़ाया जाना चाहिए। जिससे कि विद्यालयों का काम प्रभावित नहीं हो।
चन्द्रप्रकाश विजयवर्गीय, प्राचार्य राउमावि छान।
साक्षरता निदेशालय भी प्रारम्भिक शिक्षा का ही अंग है। ऐसे में साक्षरता सम्बन्धी योजनाओं का संचालन, मानिटरिंग व समीक्षा का कार्य भी पीईईओ ही देखेेंगे
नरेशपाल गंगवार, प्रमुख शासन सचिव, प्रारम्भिक शिक्षा