500-600 ऑडिशन के बाद मिला पहला ब्रेक, पहले शो की वर्कशॉप से निकाला, फिर एक महीने बाद…
मुझे काम दिलाने से पहले एक कार्यशाला में भाग लेने के लिए बताया गया था। कार्यशाला में सत्र का संचालन करने वाले व्यक्ति ने निर्देशक को कहा कि मैं भूमिका करने में सक्षम नहीं हूं और इसलिए उन्हें मुझे लेने पर विचार नहीं करना चाहिए। इसके बाद मुझे शो छोड़ने के लिए कहा गया।’
500-600 ऑडिशन के बाद मिला पहला ब्रेक, पहले शो की वर्कशॉप से निकाला, फिर एक महीने बाद…
अभिनय को कॅरियर के रूप में चुनना अपने आप में एक बहुत ही साहसी कदम है। आपको वास्तव में अपने लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है। टीवी अभिनेता राहुल शर्मा ने भी अपना सबकुछ छोड़कर एक्टिंग में कॅरियर बनाने के लिए कड़ा संघर्ष किया। फिलहाल वे टीवी शो ‘प्यार की लुका—छुपी’ में नजर आ रहे हैं। पहला ब्रेक मिलने से पहले मनोरंजन उद्योग में उनके संघर्ष के बारे में पूछे जाने पर राहुल ने कहा, ‘मैं दो साल से संघर्ष कर रहा था और लगभग 500-600 ऑडिशन दिए, जिसके बाद आखिरकार मैं अपने पहले शो के निर्देशक से मिला। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि वह मुझे धारावाहिक में कास्ट करेंगे। मुझे काम दिलाने से पहले एक कार्यशाला में भाग लेने के लिए बताया गया था। कार्यशाला में सत्र का संचालन करने वाले व्यक्ति ने निर्देशक को कहा कि मैं भूमिका करने में सक्षम नहीं हूं और इसलिए उन्हें मुझे लेने पर विचार नहीं करना चाहिए। इसके बाद मुझे शो छोड़ने के लिए कहा गया।’
उन्होंने आगे बताया, ‘उस घटना के बाद मेरे सामने दो विकल्प थे। या तो मैं सब छोड़कर घर वापस जा सकता था या परियोजनाओं की तलाश जारी रख सकता था। मैंने खुद पर मेहनत करने का फैसला किया। मैंने 2-3 ऑडिशन की तुलना में एक दिन में 7-8 ऑडिशन देना शुरू किया। मैंने अपने अभिनय कौशल को बढ़ाना सुनिश्चित किया। मैं चाहता था कि निर्देशक और निर्माता यह महसूस करें कि मैं अभिनय करने में सक्षम हूं। मैंने अपने इस मकसद के साथ फिर से काम करना शुरू कर दिया। एक महीने के बाद मुझे उसी निर्देशक से दोबारा कॉल आया, जिसमें मुझे वही भूमिका करने के लिए कहा गया था, जिसके लिए मुझे अस्वीकार कर दिया गया था।’
राहुल का कहना है कि मेहनत और समर्पण से सब कुछ हासिल किया जा सकता है। दिग्गज दिवंगमत अभिनेता देव आनंद के साथ मुलाकात को याद करते हुए राहुल ने बताया कि वह उनके यह कहने के बाद वह काफी प्रेरित हुए थे,’यंग मैन, आप अच्छा करेंगे। चिंता मत करो, तुम्हारा जीवन अच्छा होगा।’ यह सुनने के बाद राहुल कहते हैं कि अपनी यात्रा शुरू करने से पहले उन्हें देव आनंद का आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला।