READ MORE : उदयपुर में धरी रह गई पुलिस की तैयारी, हुआ पथराव, तोड़़फोड़ और नारेबाजी, आईजी व एसपी लाठियाां लेकर दौड़़े़े सड़कों पर पुलिस ने बताया कि पुजारी सत्यनारायण ने बुधवार रात करीब 8.30 बजे मंदिर बंद किया। रात को चोरों मंदिर की खिडक़ी के सरिये काटकर अंदर घुसे। भगवान विष्णु, महालक्ष्मी व नामदेव भगवान की प्रतिमा पर धराए और यहां रखे सोने-चांदी के जेवर चुरा ले गए। जेवरातों में चांदी के छत्र, शंख, चक्र, गदा, पदम, दोनों हाथों में चांदी के पहने कवर, लक्ष्मी जी की दो कमली, हाथ के कवर, पायल, मुकुट व बांसुरी चुरा ले गए। तडक़े पुजारी मंदिर में पहुंचा तो चोरी का पता चला। उसने ट्रस्टी कैलाशचंद्र बुल्ला को सूचना दी। ट्रस्टी की सूचना पर पुलिस ने मौका मुआयना कर मामला दर्ज किया।
पोस्टमार्टम के लिए नहीं पहुंचे परिजन
उदयपुर . मधुवन स्थित राहत हॉस्पिटल से एमबी हॉस्पिटल की बाल चिकित्सा इकाई में ट्रांसफर नवजात बच्ची के देर रात दम तोडऩे की सूचना के बावजूद गुरुवार सुबह चिकित्सालय में पोस्टमार्टम के लिए नहीं पहुंचे। हाथीपोल थाना पुलिस पोस्टमार्टम से पहले परिजनों के पहुंचने की राह तकती रही। मासूम की मौत की सूचना के बाद चिकित्सालय ने शव को मुर्दाघर में रखवाया। विवादित मामले में एहतियात बरतते हुए एमबी हॉस्पिटल प्रशासन की ओर से पांच सदस्यीय पोस्टमार्टम टीम का गठन किया गया है, जबकि अधिकतर मामलों में तीन सदस्यीय कमेटी ही इस प्रक्रिया को पूरा करती है।
READ MORE : BREAKING: उदयपुर में कुछ युवकों द्वारा जुलूस निकालने के प्रयास पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज, हालात तनावपूर्ण गौरतलब है कि राहत हॉस्पिटल में नवजात सतमासी (750 ग्राम वजनी) बच्ची को वेंटीलेटर पर भर्ती कराया गया था। हालत बिगडऩे के बीच परिजनों की इच्छा पर उसे एमबी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। इस बीच बच्ची की खराब तबीयत का जिम्मेदार चिकित्सालय को बताते हुए आक्रोशित परिजनों ने राहत हॉस्पिटल में तोडफ़ोड़ भी की थी। दोनों पक्षों की ओर से हाथीपोल थाने में प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी। मामले में जिला प्रशासन की ओर से गठित जांच कमेटी ने एक दिन पहले ही निजी अस्पताल की ओर से उपचार में लापरवाही नहीं बरतने की रिपोर्ट जारी की थी।