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उदयपुर

85 फीसदी बच्चे ऑनलाइन शिक्षा से ही नहीं जुड़ पाए तो कैसे खेलेंगे क्विज

कोरोना काल: शिक्षा विभाग ने वॉट्सएप पर विद्यार्थियों को क्विज खेलाने का शुरू किया कार्यक्रम, ग्रामीण क्षेत्र में निर्धन लोगों के लिए संभव नहीं अलग-अलग महंगे मोबाइल खरीदना

उदयपुरOct 22, 2020 / 06:10 pm

madhulika singh

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उदयपुर. कोरोना काल में विद्यार्थियों को पढ़ाई से जोड़े रखने के लिए शिक्षा विभाग आओ घर में सीखें कार्यक्रम के तहत वॉट्सएप पर क्विज खेला रहा है। लेकिन, सवाल ये है कि जब सरकारी स्कूल के बच्चे ऑनलाइन क्लास भी कर पाने में असमर्थ हैं तो वॉट्सएप पर क्विज कहां तक फायदेमंद है। हकीकत ये है कि उदयपुर जिले में मात्र 25 प्रतिशत बच्चे ही ऐसे हैं जो ऑनलाइन कक्षाएं कर पा रहे हैं। शेष 85 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जो ऑनलाइन कक्षाओं से दूर ही हैं। ऐसे में अब ये क्विज बच्चों का ज्ञानवद्र्धन करने में और उन्हें ऑनलाइन जोड़ पाने में कितना सफल हो रहा है, ये देखने वाली बात है।

ऑनलाइन जोडऩे के लिए शिक्षा विभाग की पहल

राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने वॉट्सएप आधारित क्विज की शुरुआत की है। इसमें कक्षा 1 से 10 तक विद्यार्थी पढ़ी हुई दक्षताओं संबंधी प्रश्नोत्तरी को वॉट्सएप पर प्राप्त कर व प्रश्न हल कर वॉट्सएप पर जवाब दे सकते हैं। इस क्विज कार्यक्रम के तहत राज्य के सभी जिलों को तीन समूह में विभाजित कर वॉट्सएप नंबर उपलब्ध करवाए गए। शिक्षक प्रतिदिन 5 छात्रों से संपर्क कर क्विज के लिए उन्हें प्रोत्साहित कर उनकी शंकाओं का समाधान करेंगे। यह साप्ताहिक क्विज कक्षा 1 से 5 में हिंदी, गणित और अंग्रेजी जबकि कक्षा 6 से 10 में गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषयों के लिए है। ये सवाल भी उठता है कि कक्षा 1 के विद्यार्थी को भी अगर मोबाइल थमा दिया जाएगा तो उस पर क्या असर होगा, जबकि आज सब अभिभावक, डॉक्टर्स और मनोचिकित्सक भी बच्चों को मोबाइल से दूर रखने की बात करते हैं।

जमीनी हकीकत ये
शिक्षा विभाग भले ही योजना बना ले लेकिन हकीकत ये है कि उदयपुर जिले में जब से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की गई हैं तब से मात्र 25 प्रतिशत विद्यार्थी ही ऑनलाइन पढ़ाई से जुड़ पाए हैं। सर्व शिक्षा अभियान की मॉनिटरिंग में ये सामने आया। राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष शेरसिंह चौहान ने बताया कि ऑनलाइन शिक्षा से ना जुड़ पाने का कारण अधिकतर विद्यार्थियों का ग्रामीण क्षेत्रों से होना भी है। कइयों के माता-पिता मजदूर हैं और किसी के खेती-बाड़ी का काम करते हैं। ऐसे में लॉकडाउन के दौरान तो वे घर पर ही थे लेकिन अब फिर से मजदूरी और अन्य कामों पर जाने लगे हैं। ऐसे में मोबाइल भी साथ ले जाते हैं। वहीं, घर में 1 से अधिक बच्चों के लिए अलग-अलग मोबाइल की व्यवस्था भी नहीं कर सकते। मोबाइल भी महंगे हो चुके हैं तो नए मोबाइल खरीदना भी कोरोना काल में उनके लिए संभव नहीं है। ऐसे में वे बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई से नहीं जोड़ पा रहे।

इनका कहना है

क्विज चल रहा है और बच्चे खेल रहे हैं। जहां नेटवर्क की समस्या नहीं है वहां बच्चे आराम से जुड़ रहे हैं। हम अभिभावकों को ऑनलाइन शिक्षा से जोडऩे के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं।
शिवजी गौड़, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी

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