हादसे के कुछ समय बाद उदयलाल का बड़ा भाई जेतपुरा (मंगलवाड़) निवासी मांगीलाल पुत्र गमेरलाल लोहार गोवर्धन विलास थाने पहुंचा। उसने दुर्घटनाग्रस्त बाइक मांगी, लेकिन पुलिसकर्मियों ने नहीं दी। उसे कई चक्कर कटवाए। परेशान मांगीलाल ने मोटरसाइकिल छुड़वाने के लिए अधिवक्ता शांतिलाल चपलोत के जरिए प्रार्थना पत्र पेश किया। विशिष्ट अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पीसीपीएनडीटी एक्ट) न्यायालय के पीठासीन अधिकारी समरेन्द्र सिंह सिकरवार ने पत्रावली पर आए तथ्यों का अवलोकन किया। सामने आया कि अनुसंधान अधिकारी एएसआई धूलसिंह ने मोटरसाइकिल को डिटेन कर थाने में खड़ा करवाया था, लेकिन बाद में वह वहां से चोरी हो गई। न्यायालय ने मामले को काफी गंभीर माना।
न्यायालय ने टिप्पणी में लिखा कि डिटेनशुदा वाहन के संबंध में थाना पुलिस ने परिवादी को किसी तरह का नोटिस नहीं दिया। केवल मोबाइल पर बातचीत कर खानापूर्ति की। आईओ की लापरवाही से परिवादी का वाहन चोरी हो गया। थाना परिसर से वाहन चोरी की घटना पुलिस की कार्य प्रणाली पर स्पष्ट रूप से प्रश्नचिह्न लगाती है।