गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका के 3 सितंबर के अंक में हे राम ! वनवास पूरा कर चुके बागोलिया को अब तो भर दो शीर्षक से समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था। अब झाडिय़ा बन रही मुसीबत
ग्रामीणों ने बताया कि 14 वर्षो से खाली बागोलिया बांध भर रहा है। परन्तु सिंचाई विभाग द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है। यहां बंाध की पाल पर लगे कई अनावश्यक पौधे एवं बड़े-बड़े विलायती बबूल परेशानी पैदा कर सकते हैं। विभाग द्वारा बांध के भरने से पूर्व कोई इंतजाम नहीं करते हुए इनकी कटाई कर साफ नहीं किया गया। जिससे अब बांध भरने की स्थिति में परेशानी उत्पन्न हो सकती है।
ग्रामीणों ने बताया कि 14 वर्षो से खाली बागोलिया बांध भर रहा है। परन्तु सिंचाई विभाग द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है। यहां बंाध की पाल पर लगे कई अनावश्यक पौधे एवं बड़े-बड़े विलायती बबूल परेशानी पैदा कर सकते हैं। विभाग द्वारा बांध के भरने से पूर्व कोई इंतजाम नहीं करते हुए इनकी कटाई कर साफ नहीं किया गया। जिससे अब बांध भरने की स्थिति में परेशानी उत्पन्न हो सकती है।
बांध की मोरी का ढक्कन टूटा, हो सकता है हादसा
उपसरपंच पुष्करलाल गुर्जर ने बताया कि बागोलिया बांध की मोरी का वर्तमान में ढक्कनन टूट गया है। जिससे हादसा हो सकता है।
उपसरपंच पुष्करलाल गुर्जर ने बताया कि बागोलिया बांध की मोरी का वर्तमान में ढक्कनन टूट गया है। जिससे हादसा हो सकता है।