शिक्षकों की हाजरी के लिए घूमता है रजिस्टर
तीन भवनों में स्कूल संचालित होने से बच्चे ही नहीं, शिक्षक भी परेशान हैं। संस्था प्रधान कभी हीरा बावड़ी स्कूल भवन में तो कभी अन्य भवनों में बैठती हैं। एक भवन नहीं होने से निगरानी ठीक से नहीं हो पाती है। शिक्षकों की हाजरी के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को रोजाना रजिस्ट्रर लेकर एक से दूसरे स्कूल भवन की दौड़ लगानी पड़ती है।
तीतरड़ी का स्कूल बरसों तक गढ़ में चल रहा था। बाद में घाटी पर उच्च प्राथमिक विद्यालय का नया भवन बना। इसमें इतनी जगह नहीं की है कि गढ़ और घाटी के सभी बच्चे आराम से बैठकर पढ़ सकें। एेसे में एसडीएमसी के निर्णयानुसार कक्षा १ से ५वीं तक गढ़ में एवं कक्षा ६ से ८वीं तक घाटी भवन में पढऩे लगे। जब उच्च माध्यमिक विद्यालय हीरा बावड़ी बना तो उच्च प्राथमिक स्कूल को उसमें मर्ज कर दिया गया। अब वहां कक्षा ९ से १२वीं की पढ़ाई होती है। एेसे में स्कूल तीन जगह पर चल रहा है। एक ही विद्यालय होने से कूक कम हैल्पर अलग-अलग नहीं हो सकता है तो बच्चों को पोषाहार के लिए दौड़ाया जाता है।