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उदयपुर

हर दिन औसत 145 मरीज पहुंचे कोरोना ओपीडी में, पहले दिन आया था केवल एक व्यक्ति

– कोरोना ओपीडी स्केन
– 27 दिन में 3903 मरीज आए जांच करवाने

उदयपुरApr 01, 2020 / 09:40 am

bhuvanesh pandya

हर दिन औसत 145 मरीज पहुंचे कोरोना ओपीडी में, पहले दिन आया था केवल एक व्यक्ति

हर दिन औसत 145 मरीज पहुंचे कोरोना ओपीडी में, पहले दिन आया था केवल एक व्यक्ति

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. देश में कोरोना के बढ़ते मामलों ने जब उदयपुर पर भी अपना असर दिखाना शुरू किया तो महाराणा भूपाल हॉस्पिटल में 4 मार्च को कोरोना ओपीडी की शुरुआत की थी, पहले दिन इस ओपीडी में केवल एक ही व्यक्ति दिखाने पहुंचा था, लेकिन जैसे-जैसे लोगों में संक्रमण का डर बढ़ता रहा तो मरीजों की संख्या भी बढ़ती चली गई। पिछले 27 दिन में इस ओपीडी में 3903 लोग जांच के लिए पहुंच चुके हैं। मरीजों का उतार चढ़ाव भी काफी रहा है, लेकि न औसतन प्रतिदिन 145 लोग इस ओपीडी में पहुंच चुके हैं। –50 से नीचे दो बार तो 300 से ऊपर तीन बार ओपीडी में बीते 27 दिनों में केवल दो बार 50 से कम मरीज पहुंचे और वह दोनों दिन ओपीडी खुलने के बाद पहला और दूसरा दिन था। लेकिन जब नियमित ओपीडी का संचालन शुरू हो गया, थर्मल थर्मामीटर गन से स्क्रीनिंग होने लगी तो तीन बार 300 से उपर मरीज यहां जांच के लिए आए, जबकि 200 से उपर और तीन सौ से कम मरीज भी तीन बाहर ही पहुंचे है। खास बात ये है कि एक बार तो आंकड़ा 450 से भी उपर चला गया था, जो 470 दर्ज किया।
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ओपीडी का गणित: पहुंचे मरीजों के लिहाज से 50 से कम – 2 बार 50 से 100 के बीच- 8 बार 100 से 150 के बीच- 7 बार 150 से 200 के बीच- 2 बार 200 से 300 के बीच- 3 बार 300 से ऊपर – 3 बार
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ये जानना इसलिए जरूरी हर किसी के लिए ये जानना जरूरी है कि जैसे-जैसे ये वैश्विक समस्या भारत में तेजी पकड़ती गई वैसे-वैसे मरीज खुद की चिंता में ओपीडी में अधिक संख्या में पहुंचते रहे।
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ओपीडी में इस तरह के मरीज पहुंचे – अधिकांश मरीज बेहद डरे हुए पहुंचते रहे, हालंाकि जो विदेशी मरीज थे, वे भारतीयों से कम भयभीत नजर आए।

– सामान्य सर्दी, जुकाम के मरीज भी खुद को बेहद बीमार या कोरोना संक्रमित ही मानकर जांच के लिए पहुंचते रहे।
– वार्ड में पहुंचने के दौरान काफी डरे हुए थे, लेकिन सामान्य काउंसंलिग के बाद उनमें अन्तर दिखा।

– थर्मल थर्मामीटर से जांच के बाद अधिकांश ये पूछते रहे कि उन्हें क्या कोरोना संक्रमण है।
– ओपीडी से यदि किसी को स्वाब टेस्ट के लिए कहने पर मरीज ज्यादा नर्वस नजर आते।

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पहले ओपीडी कोरोना वार्ड में ही चलती थी, लेकिन जैसे ही इसके लिए विशेष व्यवस्थाओं की शुरुआत हुई तो उसे सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में शुरु किया गया, यहां नियमित चिकित्सकों की संख्या बढ़ाई गई।
– मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सोशियल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने के लिए ओपीडी में फर्श पर गोले लगाए गए हैं, ताकि मरीज उन गोलों में दूर-दूर खड़े होकर अपनी जानकारी दें, बाद में जरूरत पर उन्हें आगे की जांच के लिए भेजा जाता है।
– ओपीडी में सामान्य मरीजों के पहुंचने पर उनकी काउंसंलिंग की भी व्यवस्था रखी गई है।

– ओपीडी में जो भी चिकित्सक, जांच कर्मी या अन्य कार्मिक, सभी पूरे पीपीई किट में रहते हैं, ताकि किसी भी प्रकार का संक्रमण का उन्हें असर उन्हें ना हो।

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