तालाब के बायीं नहर से खेतों में रेलणी के लिए सिंचाई विभाग ने गेट खोला था। रेलणी के बाद जब विभाग ने गेट बंद करना चाहा तो यह टस से मस नहीं हो रहा है। इससे तालाब के आस पास के खेतों में पानी ही पानी हो गया है जिससे किसानों की फसलें जलमग्न होने से खराब हो रही हैं, वहीं कई जगह खेतों में पानी भरा होने से बुवाई नहीं हो पा रही है। किसानों ने कई बार विभागीय अधिकारियों को सूचना दी लेकिन अब तक गेट दुरुस्त नहीं हो पाया है। खेतों में पानी भरा रहने से गेहूं व जौ की फसलें पीली पड़ गई हैं।
दायीं नहर में वर्षों से नहीं छोड़ा पानी
तालाब की बायीं नहर में हर वर्ष पानी छोड़ा जाता है, मगर दायीं नहर में करीब 12 वर्ष से पानी नहीं छोड़ा जा रहा है जिससे कहीं घी घणा तो कहीं मुट्ïठी भर चणा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।
…… करीब 60-70 किसानों के खेतों में पानी भरा हुआ है जिससे फसलें खराब हो रही हैं। विभाग को कई बार कहने पर भी गेट दुरुस्त नहीं किया जा रहा है। गोपाल पण्डित, वार्डपंच गोदाणा
हां, गेट खराब हो गया है। उसे दुरुस्त करवाने के लिए कनिष्ठ अभियन्ता को बोला है। गेट ठीक नहीं होता है तो नहर में रेती के बैग भरवा कर पानी रुकवा दिया जाएगा। दिलीप सिंह देवड़ा, सहायक अभियन्ता, सिंचाई विभाग उदयपुर