उदयपुर . कहते हैं हर शौक की एक उम्र होती है और उस उम्र के साथ या तो वह शौक परवान चढ़ता है या फिर खत्म हो जाता है। शौक भी कब, किसे, किसका और कैसे लग जाए, ये कोई नहीं जानता। बहरहाल, यहां जिक्र लेकसिटी के एक पिता-पुत्र का उस शौक के लिए जिसे पाले महज आठ ही बरस हुए हैं। इस दौरान व्यवसायी महेश जैन के पास जहां एक ओर इनसेट और प्रीफिक्स कलेक्शन में एक रुपए से लेकर हजार रुपए तक में अब तक सभी गर्वनर के नोट संग्रहीत हैं वहीं, दूसरी ओर इनके पुत्र यश के संग्रह में अजब-गजब सिक्कों की ऐसी दुनिया है जिसके बूते उसने बीस से अधिक विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं।