सरकारें गरीबों को ही दिखाती हैं कानूनी आईना
कच्ची बस्ती के बाशिंदों के लिए पट्टे की मांग, जिला कलक्ट्रेट के बाहर किया प्रदर्शन
सरकारें गरीबों को ही दिखाती हैं कानूनी आईना
उदयपुर. सरकार भाजपा की हो या कांग्रेस की। दोनों ही सरकारें धनवानों की होटलों- रिसोर्ट के निर्माण को लेकर वनविभाग की भूमि पर पट्टे दे देती है, लेकिन जब बात गरीब के मकान बनाने की आती है तो सरकार व प्रशासन की ओर से उन्हें कानून की दुहाई दी जाती है। ऐसे में सरकार बदलती जरूर है, लेकिन उनका गरीबी विरोधी चरित्र नहीं बदलता। कच्ची बस्ती फैडरेशन की ओर से जिला कलक्ट्रेट पर मंगलवार को हुए प्रदर्शन के दौरान आमजन को संबोधित करते हुए ये विचार फैडरेशन महासचिव राजेश सिंघवी ने कहे। सिंघवी ने आरोप लगाया कि माछला मगरा हो या नीमचमाता क्षेत्र नगर विकास प्रन्यास ने सरकारी विभागों को भूमि के पट्टे देने के साथ लोगों को मकान बनाने की अनुमति दी है, लेकिन वहां बसी कच्ची बस्ती के बाशिंदे आज तक पट्टों से महरूम हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए फैडरेशन अध्यक्ष प्रतापसिंह देवड़ा ने कहा कि उदयपुर में ३५ कच्ची बस्तियों में १२ हजार ५ सौ परिवारों में से करीब २५ सौ परिवारों को ही पट्टे दिए गए। यूआईटी के संविधान में सस्ते व सुलभ आवास उपलब्ध कराने का जिक्र है, लेकिन बीते ४० साल में यूआईटी की ओर से एक भी गरीब को पट्टे नहीं देने के आरोप लगाए। उपाध्यक्ष हमेर सिंह, पार्षद राजेन्द्र वसीटा, पूर्व पार्षद गणपति देवी, केसर देवी रेगर, श्रीकान्ता श्रीमाली, नानालाल कुमावत, हीरालाल सालवी, अनिल सालवी एवं अन्य ने संबोधित किया। इस मौके पर अध्यक्ष ने समस्या समाधान नहीं होने की स्थिति में आगामी 15 अगस्त को आंदोलन करने की चेतावनी दी। इस मौके पर शहर की कच्ची बस्ती क्षेत्र के लोगों ने बड़ी संख्या में हिस्सेदारी निभाई।