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उदयपुर

शिक्षा की सुविधा नहीं, स्वास्थ्य योजनाओं से अनजान है आदिवासी

human luxuries and necessities survey पानरवा क्षेत्र के अध्ययन में आए 6 प्रशिक्षु आइएएस का अध्ययन, सर्वे कर क्षेत्र की समस्याओं से सरकार को अवगत कराएंगे

उदयपुरOct 20, 2019 / 02:21 am

Sushil Kumar Singh

शिक्षा की सुविधा नहीं, स्वास्थ्य योजनाओं से अनजान है आदिवासी

शिक्षा की सुविधा नहीं, स्वास्थ्य योजनाओं से अनजान है आदिवासी

उदयपुर/ फलासिया. human luxuries and necessities survey तहसील क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य पानरवा गांव का जनजाति शिक्षा को लेकर उत्सुक है। नई पीढ़ी पढ़ लिखकर भविष्य बनाने को आतुर है। मानसिक तौर पर भी बच्चे स्वस्थ हैं। लेकिन, उच्च माध्यमिक विद्यालय में विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की कमी से इनके भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। विषय अध्यापकों की कमी उनमें घर कर रही है। बड़ी कक्षाओं में अध्ययन कार्य को लेकर राजकीय विद्यालयों में सुविधाओं का अभाव है। पर्याप्त बैठक व्यवस्था भी नहीं है। कुछ स्कूलों में तो बच्चों के बैठने के लिए दरी-पट्टी तक नहीं है। चौंकाने वाले इन तथ्यों का खुलासा प्रशिक्षु आइएएस प्रणता ऐश्वर्या ने उनकी सर्वे रिपोर्ट में किया है। बता दें कि लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी, मसूरी से आए 6 प्रशिक्षु आइएएस क्षेत्र का अध्ययन कर रही है। सभी आइएएस ग्रामीणों व विभागीय समस्याओं के अलावा क्षेत्रीय सुविधाओं को लेकर जानकारी जुटा रहे हैं। सच तो यह भी सामने आया कि योजनाओं का ढिंढोरा पीटने वाली केंद्र व राज्य सरकार की तमाम योजनाओं से क्षेत्र के जनजाति परिवार बेखबर हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पानरवा में भर्ती मरीजों से पूछताछ में सामने आई जानकारी में ही पता चला कि क्षेत्र के लोग मलेरिया रोग से अधिक जूझ रहे हैं। चिकित्सकों की कमी लोगों के लिए रोग से लडऩे के लिए चुनौती बनी हुई है। प्रशिक्षु आइएएस तपोस ने बताया कि चिकित्सा क्षेत्र में सुविधाएं पर्याप्त है। चिकित्सा कार्मिकों की समस्या दूर कर दी जाए तो लोगों को स्वास्थ्य के प्रति अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है। तपोस ने यह भी कहा कि गंभीर मरीजों को जिला व ब्लॉक मुख्यालय तक पहुंचाने के लिए सड़क सुविधा बेहतर नहीं है। इसमें सुधार कर असमय मरने वाले मरीजों की मौत का आंकड़ा कम किया जा सकता है। प्रशिक्षु आइएएस के तौर पर ही अंकिता, अशोक, राहुल जैन, गुंजन द्विवेदी भी टीम पर शामिल है।
23 तक ठहराव
ग्रामीण क्षेत्र के विशेष अध्ययन को आए प्रशिक्षु आइएएस का दल यहां 23 अक्टूबर तक ठहरेगा। दल के सदस्य गांव में रूककर ग्रामीण रीति रिवाज, शिक्षा, चिकित्सा एवं अन्य सरकारी योजनाओं के धरातल पर क्रियान्वयन का बारीकी से अध्ययन कर इसकी रिपोर्ट सरकार को पेश करेंगे।

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