A- सरकारी दफ्तर में जायज काम के लिए भी लोग चक्कर काटते रहते हैं, परेशान होकर पैसे देकर अपना काम करवाते हैं। आप ऐसी स्थिति में घबराएं नहीं, एसीबी ऑफिस आएं या फिर सीधा 1064 डायल करें, बाकी काम एसीबी कर देगी। पद का दुरुपयोग करने पर कोई लोकसेवक पकड़ में आएगा तो निश्चित रूप से आपका व दूसरों का काम तो होगा ही, साथ ही वहां की व्यवस्था भी सुधरेगी।
Q-शहर में कटते पहाड़ों पर क्या एसीबी सीधी कार्रवाई नहीं कर सकती?
A-हाईकोर्ट का फैसला आने से पहले तक पहाड़ों को लेकर एक पॉलिसी तय थी। अगर उस पॉलिसी से परे जाकर किसी ने स्वीकृति दी है तो कोई भी इसकी शिकायत कर सकता है। हमारे पास शिकायत आने पर नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
A-हमें आकर कोई परिवाद पेश करता है और उसमें तथ्य है तो हम उसका सत्यापन कर कार्रवाई करते हैं। जरूरत होने पर मुख्यालय के पास स्वीकृति के लिए भेजते हैं। केस सही होने पर हम त्वरित कार्रवाई करते हैं।
A-सरकारी कार्यालय में वैध काम करने के बदले कोई अधिकारी, कर्मचारी या उसका एजेन्ट रिश्वत की मांग करता है तो हम सत्यापन के बाद कार्रवाई करते हैं। परिवादी को इसमें कोई परेशानी नहीं होती। सबसे अच्छी बात यह है कि ट्रैप करवाने के बाद हम परिवादी का रुका काम भी करवाते हैं। पहले ट्रैप के दौरान परिवादी का जो पैसा है, वो केस चलने तक अटका रहता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। वह एसीबी में आवेदन कर 10 से 15 दिन में राशि ले सकता है।
A-एसीबी में परिवादी को एडवांस राशि देने का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि अधिकारी डिमांड ज्यादा कर रहा है तो हम डमी मुद्रा से भी काम चलाकर कार्रवाई करते हैं।
A-लोगों में अभी भी भय है कि संबंधित अधिकारी के खिलाफ हम कार्रवाई करवा देंगे तो वे हमारी फाइल को बिगाड़ देंगे। लेकिन ऐसा नहीं है। जिस अधिकारी, कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई हो जाती है, उससे ज्यादा कमजोर कोई नहीं होता है। कई लोग ऐसे हैं, जो अपना दर्द बयां कर देंगे, लेकिन कार्रवाई नहीं करवाते। हमारे पास वही लोग आते हैं, जिनका नियमित रूप से विभागों में काम नहीं पड़ता या फिर पहली या अंतिम बार ही पड़ा है। हमें इस धारणा को बदलना होगा। अगर कार्रवाई की बात करें तो गत वर्ष एसीबी उदयपुर ने पूरे राजस्थान में सर्वाधिक 51 मामले दर्ज किए हैं। कई बड़ी कार्रवाई भी की, एक कार्रवाई तो ऐसी थी कि अधिकारी के यहां छापा मारा तो 80-90 लाख नकद मिले। उसके यहां पैसे फ्रिज में भी रखे मिले।
A-भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने अपने को समय के साथ काफी अपडेट किया है। हम लेटेस्ट तकनीक का उपयोग करते हैं। हालांकि यह बताना उचित नहीं होगा कि हम तकनीकी से कैसे भ्रष्टाचारी तक पहुंचते हैं। लेकिन हमारे पास तमाम संसाधन हैं।
A-एसीबी का टोल फ्री नम्बर 1064 है, वहां अभी सर्वाधिक शिकायतें आ रही है। इसके अलावा हाल ही में वॉट्सएप नम्बर 9413502834 भी सार्वजनिक किया गया है। एसीबी डीजी ने जीरो टोलरेंस को अभियान के रूप में लेते हुए सार्वजनिक स्थलों पर पोस्टर चस्पा करने के आदेश दिए हैं, ताकि लोग जागरूक हों। शिकायत मिलने पर हम केन्द्र व राज्य सरकार के किसी भी लोकसेवक पर कार्रवाई कर सकते हैं।