टिड्डी दल का आतंक, पेड़ों से पत्तियां गायब
गांवों में टिड्डियों के उड़ते बवंडर से किसानों में भय
टिड्डी दल का आतंक, पेड़ों से पत्तियां गायब
उदयपुर. सराड़ा सिरोही के रास्ते उदयपुर क्षेत्र में आए टिड्डियों के बवंडर ने रास्ते के पेड़-पौधों व फसलों को ठूंठ में बदल दिया। टिड्डियों का यह दल सोमवार शाम को परसाद होते हुए बलुआ व सदकड़ी पहुंचा, जहां ग्रामीणों ने ढोल, थाली व बर्तन बजाकर भगाया तो उसने दिशा बदलकर पाल सैपुर के लोदरीफला क्षेत्र में रात्रि में पड़ाव डाल दिया। टिड्डियों के आने की सूचना के बाद से ही हरकत में आए प्रशासन ने उदयपुर से शाम को ही दमकल व भारत सरकार के टिड्डी नियंत्रण दल की जालोर से सात स्प्रे करने वाली पिकअप गाडिय़ां मंगवाई, जिनके माध्यम से सुबह पांच बजे से कृषि विभाग के आला अधिकारी, राजस्व विभाग सहित प्रशासन ने दवाइयों का स्प्रे करवाया। स्प्रे से प्रभावित होकर आकाश मेंं तूफान में धूल के गुबार की तरह उड़ती नजर आई। कृषि उपनिदेशक डॉ.एनके सिंह, बी.आर मीणा निदेशक, टिड्डी नियंत्रण मंडल कार्यालय जालोर, सहायक कृषि निदेशक डॉ.विकास चेचानी, सहायक कृषि निदेशक सलूंबर कल्प वर्मा, स.कृ.नि.बडग़ांव जितेन्द्र नोगिया, कृषि अधिकारी प्रकाश खटीक, नोडल कृषि अधिकारी गजेन्द्र प्रसाद पंड्या व कृषि सहायक दिनेश मीणा सहित प्रशासन के दो दर्जन से अधिक कार्मिकों ने पेड़ों पर बैठे टिड्डी दल पर मेलाथियोन को पानी में मिलाकर छिड़काव किया। दवा के संपर्क में आते ही वहां टिड्डियों के ढेर लग गए। कृषि उपनिदेशक डॉ. सिंह ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से आए इन टिड्डियों ने उदयपुर जिले की चार पंचायत समितियों कोटड़ा, झाड़ोल, सेमारी व सराड़ा के कई गांवों को प्रभावित किया। ये करीब एक से डेढ़ किलोमीटर क्षेत्र के फैलाव में उड़ते हुए देखे गए है। जिला प्रशासन की ओर से दमकल से ऊंचे पेड़ों पर दवा छिड़की जा रही है व नीचे के पेड़ों व फसलों पर पिकअप स्प्रेयर से छिड़काव किया जा रहा है। पहाड़ी क्षेत्र व छोटे-छोटे दर्रोंं मेंं वाहनों के नहीं पहुंचने से टीम को भी समस्या से जूझना पड़ रहा है। कड़ी मशक्कत के बाद दोपहर होते होते टिड्डियां सेमारी होते हुए आगे निकलने में कामयाब हो गई।