मूलत: पंजाबी मोक्षा ने बताया कि इस यात्रा का मकसद आमजन को बेटियों की अहमियत बताना है। ‘मैं सिंगल मदर हूं। मेरी एक बिटिया है, जो मनाली में पढ़ रही है। 2 अक्टूबर को ही उसके जन्मदिन पर मनाली से कुल 4500 किलोमीटर की यात्रा पर रवाना हुई, जो 18 अक्टूबर तक त्रिचूर में पूरा करूंगी।’मोक्षा का मानना है कि महिलाओं का परिवार और समाज में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसी एक अहम कड़ी के कारण दुनिया भर में उसे शक्ति की देवी के रूप में देखा जाता है। ऐसे में औरत को ‘अबला’ मानने की सोच बदलनी होगी।
बेहतर जीवन शैली का सपना
भविष्य में मोक्षा एक बेटर सोसायटी चाहती है, जो स्वार्थ से ऊपर उठ कर काम करे। कमोबेश आज हर व्यक्ति पारिवारिक और सामाजिक कर्तव्यों से विमुख नजर आता है। इसी तरह, देश के अधिकतर हिस्सों में लोग ट्रेफिक रूल्स के प्रति बेहद लापरवाह नजर आते हैं, ये बहुत गंभीर बात है।