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मेवाड़ के सांसद बोले : 1975 के आपातकाल की तुलना कोविड-19 से करना गलत : भाजपा, देश को आजाद कराने व लोकतंत्र बनाने वालों की आत्मा रो रही : कांग्रेस

संसद में प्रश्रकाल को लेकर उठे विवाद पर सांसद व पूर्व सांसदों से बातचीत

उदयपुरSep 04, 2020 / 02:23 pm

Mukesh Hingar

संसद

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मुकेश हिंगड़/उदयपुर. संसद सत्र शुरू होने से पहले प्रश्र काल को हटाने को लेकर जहां विपक्ष ने सरकार के समक्ष कई सवाल खड़े किए है वहीं भाजपा ने भी कोविड-19 की परिस्थितियों को लेकर तर्क दिए। प्रश्रकाल को लेकर हमारे मेवाड़ से चुनकर संसद गए सांसद और पूर्व सांसद क्या सोचते है। इस मुद्दे पर पत्रिका ने उनसे बातचीत की जिसमें सांसदों ने अपने मन की बात रखी। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश-

सत्ता पक्ष बोला : असाधारण स्थिति में बड़ा निर्णय

लोकसभा आहूत करना ही बड़ी बात
कोविड-19 महामारी चल रही है। इस वक्त में लोकसभा आहूत करना ही बड़ी बात है। देश में जिस तरह से कोरोना के केस बढ़ रहे है उसको देखते हुए सरकार ने सबके स्वास्थ्य को देखकर निर्णय किया है।
– अर्जुनलाल मीणा, सांसद उदयपुर

देश बड़े मुद्दों पर चर्चा कर रहा है
विपक्ष आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांके। 1975 के आपातकाल की तुलना 2020 के कोविड-19 से करना, विपक्ष की खराब हो रही मानसिक संतुलन की स्थिति को दर्शाता है। एक समय लगभग सभी विपक्षी नेताओं ने स्वीकार किया था कि देश इस स्वास्थ्य आपातकाल की वजह से असाधारण स्थिति में है। देश की संसद आम जनता और चिंता के विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने जा रही है।
– दीया कुमारी, सांसद राजसमंद

कोविड काल सबके सामने है
हर बार तो प्रश्नकाल व शून्यकॉल होता है। स्पीकर ने कोई बिना बोले नहीं रहे जाए इस सोच कई सांसदों को आगे चलकर मौका दिया। अभी कोविड काल के कारण निर्णय किया है।
– सीपी जोशी, सांसद चित्तौडगढ़़

कल्याणकारी योजनाओं पर चर्चा होगी
सरकार ने कोविड-19 परिस्थितियों को देखकर जो तय किया वह सबके सवास्थ्य की सुरक्षा को लेकर ही किया है। सत्र बुलाया है तो इसमें कल्याणकारी योजनाओं पर चर्चा होगी। विरोध ठीक नहीं है जो परिस्थितियां है उसके तय किया गया है।
– कनकमल कटारा, सांसद बांसवाड़ा-डूंगरपुर

विपक्ष बोला : आने वाली पीढिय़ां भुगतेगी


कोरोना में ही चुनी हुई सरकारें बदली

देश में जो वातावरण चल रहा है हम सब वाकिफ है। प्रश्रकाल स्थगित हो सकते है लेकिन देश जानता है कि इसी भाजपा ने कोरोना काल में चुनी हुई सरकारें बदली है। आज देश में लोकतंत्र से जनता का विश्वास उठ गया है।
– उदयलाल आंजना, सहकारिता मंत्री व पूर्व सांसद चित्तौडगढ़़

सवालों के जवाब तो देने होंगे

जब से केन्द्र में मोदी की सरकार बनी है तब से लोकतंत्र की धीरे-धीरे हत्या की जा रही है। ये आने वाली पीढिय़ा भुगतेगी। जिन्होंने देश को आजाद कराया और लोकतंत्र की स्थापना की उनकी आत्मा रो रही होगी। सवाल तो करने पड़ेगे और जवाब भी देने होंगे।
– रघुवीरसिंह मीणा, पूर्व सांसद उदयपुर

देश के हालात के लिए सवाल तो होंगे

प्रश्रों को कैसे रोक सकते है यह गलत है। सांसद देश के हालात पर सवाल करेंगे, सार्वजनिक उपक्रम बेचने पर सवाल होंगे तो प्रश्रकाल ही स्थगित कर दिए। यह ठीक नहीं है।
– ताराचंद भगोरा, पूर्व सांसद बांसवाड़ा-डूंगरपुर

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