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उदयपुर

एक हजार विद्या संबल के प्रोफेसरों पर मंडरा रहा रोजगार का संकट

प्रदेश में उच्च शिक्षा के हालात ठीक नहीं कहे जा सकते। क्योंकि इन स्थानों पर पढ़ाने वाले व्याख्याताओं की कमी है। इसी कमी को पूरी करने के लिए पिछली सरकार ने विद्या संबल योजना शुरू की थी।

उदयपुरFeb 12, 2024 / 06:15 pm

Madhusudan Sharma

एक हजार विद्या संबल के प्रोफेसरों पर मंडरा रहा रोजगार का संकट

एक हजार विद्या संबल के प्रोफेसरों पर मंडरा रहा रोजगार का संकट

उदयपुर. प्रदेश में उच्च शिक्षा के हालात ठीक नहीं कहे जा सकते। क्योंकि इन स्थानों पर पढ़ाने वाले व्याख्याताओं की कमी है। इसी कमी को पूरी करने के लिए पिछली सरकार ने विद्या संबल योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत कॉलेजों में प्रोफेसर लगाए गए थे। वहीं राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हो गई। इसी के तहत प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को पढ़ाई भी करवाई गई। लेकिन अब इन्ही प्रोफेसरों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। इन प्रोफेसरों के पास बस फरवरी माह ही शेष बचा है। क्योंकि वर्तमान सरकार की ओर से इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। प्रदेश के कॉलेजों का आलम ये है कि यहां पर नाम मात्र के ही प्रोफेसर हैं। लेकिन योजना के तहत लगाए जाने से विद्यार्थियों को इसका लाभ मिला था। आयुक्तालय की ओर से इन प्रोफेसरों को कॉलेज शिक्षा में व्यवस्था के तहत लगाया गया था। फरवरी माह में ये सभी व्याख्याता बेरोजगार हो जाएंगे। आयुक्तालय ने अब तक विद्या संबल के माध्यम से पढ़ाने वाले प्रोफेसरों की नियुक्ति के आदेश आगे नहीं बढ़ाए हैं। ऐसे में इन पर संकट मंडरा रहा है। क्योंकि प्रदेश में योजना में लगे प्रोफेसरों की संख्या करीब एक हजार है।

… तो सत्र होगा प्रभावित

गौरतलब है कि इस बार से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रथम वर्ष में सेमेस्टर पद्धति के तहत परीक्षाएं होनी है। प्रदेश के कई कॉलेजों ने तो सेमेस्टर पद्धति लागू कर दी और कुछ में ये काम किया जाना है और इसी के अनुरुप विद्यार्थियों को पढ़ाई भी करवाई जानी है। प्रथम के बाद दूसरे सेमेस्टर की पढ़ाई शुरू की जाएगी। यदि योजना में लगे इन प्रोफेसरों को हटाया जाता है तो इसका असर आगामी सत्र में विद्यार्थियों पर पड़ेगा।

महत्वपूर्ण पहलू जो जानना जरूरी

– प्रदेश की 190 कॉलेजों में विद्या संबल के माध्यम से लगे हैं प्रोफेसर

– इन प्रोफेसरों की संख्या एक हजार है।

– आयुक्तालय ने विद्या संबल के माध्यम नोडल कॉलेज और राजस्थान कॉलेज एजुकेशन सोसायटी के माध्यम से कॉलेजों में नियुक्ति।

– प्रदेश की कॉलेजों में नहीं स्थायी स्टाफ।

– हजारों विद्यार्थियों की पढ़ाई होगी बाधित

इनका कहना है

विद्या संबल योजना में इन प्रोफेसरों को कॉलेज में लगाया गया था। इनके पास 28 फरवरी तक का समय है। आगे इनका समय बढ़ाने को लेकर आयुक्तालय की ओर से कोई गाइड लाइन नहीं आई है। जो कार्यरत हैं। उन्हे फिलहाल हटाया जाएगा।

प्रोफेसर अंजना गौतम, प्राचार्य, राजकीय मीरा गर्ल्स कॉलेज, उदयपुर

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