scriptसेहत के दूध में मिलावट का खुला खेल | Open game of adulteration in health milk | Patrika News
उदयपुर

सेहत के दूध में मिलावट का खुला खेल

उदयपुर में अब तक नहीं आई कोई समिति सामने- प्रदेश में पांच वर्षों में ढाई हजार समितियों के दूध में मिली मिलावट
 

उदयपुरNov 13, 2019 / 11:19 pm

bhuvanesh pandya

सेहत के दूध में मिलावट का खुला खेल

सेहत के दूध में मिलावट का खुला खेल

भुवनेश पण्ड्या

उदयपुर. सहकारी डेयरियों पर मिलने वाला दूध कितना सुरक्षित है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इन डेयरियों तक पहुंचने वाले दूध में भी कई समितियां मिलावट करने से बाज नहीं आ रही है। खास बात यह है कि डेयरियों के प्रबन्धन की सतर्कता के कारण इसमें मिलावट सामने आ गई। यानी यदि प्रबन्धन सतर्क नहीं रहता तो ये दूध अब तक तो बच्चों से लेकर बड़ों की सेहत बनाने की बजाय उन्हें कमजोर कर देता।गत पांच वर्षों में प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के दूध में मिलावट के प्रकरणदुग्ध संघ – मिलावट करने वाली समितियों की संख्याअजमेर- 253अलवर – 716भीलवाड़ा- 5बीकानेर- 232चित्तौडगढ़़- 201श्री गंगानगर-हनुमानगढ़- 198जयपुर- 437कोटा 28सीकर-झुंझुनूं- 136टोंक- 170झालावाड़- 15कुल- 2391समितियों के दूध में मिलावटगत पांच वर्षोंं में आरसीडीएफ से जुड़े जिला दुग्ध संघों से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने कुल 76 दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों के नमूने लिए। इनमें से किसी भी नमूने में मिलावट नहीं मिली। गत पांच वर्षोंं में जिला दुग्ध संघों की ओर से जांच के दौरान प्रदेश की कुल 2391 प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के दूध में मिलावट पाई गई। उदयपुर जिले में वर्ष 2013-14 से 2017-18 तक कुल 10 नमूने चिकित्सा विभाग ने सरस डेयरी के लिए, लेकिन किसी में भी मिलावट सामने नहीं आई।संभागवार महिला दुग्ध समितियों की संख्याजिला संघ- संख्याअजमेर- 1002बीकानेर- 531भरतपुर- 165जयपुर- 2489जोधपुर- 501कोटा- 345ऐसे पकड़ते हैं मिलावटडेयरी के पास एक विशिष्ट केंद्रीय गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला होती है, जो उदयपुर डेयरी में भी है। दूध, दुग्ध उत्पादों, पशु चारा, पैकिंग सामग्री के नमूने के माध्यम से गुणवत्ता मानकों के पालन की निगरानी करती है। प्रयोगशाला में पीएफ ए, बीआईएस, एजी-मार्क और प्रदूषण से संबंधित मानकों के साथ उनके अनुरूप सुनिश्चित हो सके। इसमें दूध के संग्रह से दूध लेकर तैयार उत्पादों तक सभी पहलुओं की जांच की जाती है।उदयपुर में इतनी समितियांकरीब 350 दुग्ध समितियां फिलहाल उदयपुर डेयरी से जुड़ी हुई हैं, जबकि इनमें से 114 महिला समितियां कार्यरत हैं। किसी भी दूध में मिलावट के लिए उसकी बीआर रीडिंग देखी जाती है, यदि रीडिंग अधिक होती है तो गड़बड़ होती है, जबकि 42 से 43 बीआर रीडिंग आदर्श मानी जाती है।इनका कहना हैहमारे यहां भी ऐसे मामले मिलते हैं, उनसे हम सख्ती से निपटते हैं। हम दूध की शुद्धता को लेकर पूरी गंभीरता बरतते हैं। किसी भी प्रकार की मिलावट हमारे ग्राहक तक नहीं जानी चाहिए, ये हमने तय कर रखा है।

गीतावास समिति को मिलावट के कारण हमने बंद कर रखा है। हमने लिए गए दूध के पैसे नहीं दिए थे, जबकि इन्टाली मार्ग की समितियों के दूध में जिनमें मिलावट मिली थी, उन्हें तत्काल बंद कर दिया था। अब इन समतियों ने शुद्ध दूध सप्लाई करना शुरू कर दिया है, इसलिए उन्हें फिर शुरू किया है। सभी को पाबंद किया है कि यदि दूध में मिलावट मिली तो हम तत्काल न सिर्फ उस समितियों से दूध लेना बंद कर देंगे बल्कि उसे बैन कर देंगे। नियमित रिफ्लेक्टोमीटर से जांच होती है, वहीं करीब 70 लाख रुपए की एफटी वन मशीन लगी हुई है, जो हर प्रकार की मिलावट को पकड़ लेती है।
उमेश गर्ग, प्रबन्ध निदेशक, उदयपुर डेयरी

Home / Udaipur / सेहत के दूध में मिलावट का खुला खेल

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो