उदयपुर

अब रोडवेज बसों की लाइव लोकेशन होगी ट्रेस, पर कब लगेगा जीपीएस सिस्टम, जानें पूरा मामला

Rajasthan Roadways Buses : राजस्थान रोडवेज ने बसों की लोकेशन ट्रेस करने के लिए 2000 बसों में जीपीएस सिस्टम लगाने का वादा किया था। पर अभी तक एक भी बस में जीपीएस लगाने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।

उदयपुरApr 11, 2024 / 11:34 am

Sanjay Kumar Srivastava

Rajasthan Roadways Buses

Rajasthan Roadways Buses : रोडवेज की बसों की लाइव लोकेशन की जानकारी यात्रियों तक मुहैया हो इस उद्देश्य से प्रदेश में राजस्थान रोडवेज की बसों में जीपीएस सिस्टम लगाकर इन्हें एक एप से जोड़ा जाना है। यह कार्य अप्रेल माह तक पूरा करना है, इस माह के दस दिन बीत गए हैं, लेकिन उदयपुर डिपो की एक भी बस में अब तक जीपीएस नहीं लग पाया है। प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही दो हजार बसों को जीपीएस सिस्टम से जोड़ने संबंधी आदेश जारी हुआ। इसका मकसद यह है कि जीपीएस लगी सभी गाड़ियां ऑनलाइन एप से जुड़ जाए और यात्री भी आसानी से गाड़ी की लोकेशन देख पाएंगे। साथ ही एप के जरिए निगम के अधिकारी भी बस की मॉनिटरिंग कर सके, लेकिन अब तक इन्हें नहीं लगाया गया। ये क्यों नहीं लगाए गए इसकी जानकारी निगम के अधिकारियों को भी नहीं है।

वर्तमान में प्रदेश में रोडवेज की कुल 2800 बसें है। इनमें से 2000 बसों में जीपीएस सिस्टम लगाया जाना था। इसके तहत विभिन्न चरणों में अप्रेल अंत तक सभी बसों में जीपीएस लगाने की प्रक्रिया पूरी करनी थी।

यह हो सकता है

रोडवेज की 2000 बसों में जीपीएस सिस्टम लगाने का काम जारी है। जीपीएस सिस्टम लगने से यात्री एप पर देख सकेंगे कि आसपास कितनी रोडवेज बसों का संचालन हो रहा है। जिस बस का टिकट यात्री ने बुक कराया है, वह बस कितनी देर में बस स्टैंड आएगी और कहां पर हैं, किस रूट पर चल रही है। इससे यात्रियों के समय की बचत होगी। यात्री बसों के समय के हिसाब से बस स्टैंड पहुंचेंगे।

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उदयपुर आगार में 61 बसें

उदयपुर आगार मुख्य प्रबंधक हेमंत शर्मा ने कहा वर्तमान में उदयपुर आगार में करीब 61 बसें रोडवेज की है। जीपीएस लगाने का निर्णय मुख्यालय से लिया गया है। विभिन्न चरणों में सभी वाहनों में जीपीएस लगाए जाएंगे। उदयपुर आगार की बसों में अब तक जीपीएस नहीं लगे हैं। अनुबंधित बसों में जीपीएस लगेंगे या नहीं इसकी जानकारी भी हमें नहीं है।

बस के बारे में हर जानकारी देगा जीपीएस

जीपीएस लगने के बाद अधिकारी एप के माध्यम से ही बसों की गति की जानकारी भी प्राप्त कर सकेंगे। बस ओवरस्पीड होगी तो उसकी जानकारी भी एप से मिल जाएगी। चालक द्वारा बस को नियत गति से चलाने से ईंधन की बचत होगी। इसके साथ ही चालक की स्किल को मापने में भी मदद मिलेगी।

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