पाले ने मावली-वल्लभनगर, गिर्वा,झाड़ोल, सलूम्बर और बडग़ांव में अपना जो कहर बरपाया उससे रबी की फसलें चपेट में आने से बच गई। कृषि अधिकारियों ने भी माना कि बैंगन व टमाटर के अलावा फलदार पौधे इसकी चपेट में आए हैं। गाजर,मूली भिंडी और मिर्ची भी 25 से 30 फीसदी खराब हुई है।
सबसे ज्यादा गिर्वा के बूझड़ा, नाई, सीसारमा, मदार, लखावली, बड़ी, बडग़ांव, बेदला, समेत दो दर्जन गांवों में सब्जियों के खेत के खेत पाले की भेंट चढ़ गए। बैंगन, टमाटर और मटर के तो खेत के खेत सूख गए। बूझड़ा निवासी किसान वरदीचंद पटेल के दो बीघा खेत में उगा रखे बैंगन पाले से जल गई। राधेश्याम तेली और लीलाधर तेली के सब्जियों के खेतों में पाले ने सबकुछ नष्ट कर दिया। भारी नुकसान के साथ यह किसान कर्ज तले दब गए हैं।
झाड़ोल तहसील के छातरड़ी निवासी गोविंद सिंह राठौड़ का 22 बीघा क्षेत्र में लगा रखा अमरूद का बगीचा पाले की वजह से नष्ट हो गया। आधे से ज्यादा पेड़ों की पत्तियां ओर फल सूखकर गिर गए तो कई जड़मूल से जल गए। इसके अलावा डेढ़ सौ पौधे आंवले,आम,चीकू,केले, अनार के भी झुलस गए। सलूम्बर के गुड़ेल निवासी किशोरसिंह का अनार का बाग नष्ट हुआ।