ये प्रभु हर पल मांग रहा मौत, जिंदगी से मिला कुछ ऐसा दर्द, जानिए प्रभु की कहानी
विवाह के बाद पति ने अपने स्तर पर सराड़ा तक प्रयास किया परन्तु हर जगह गरीबी बाधक बन गई और इलाज नहीं हो पाने से आज रुकमा की एक आंख लगभग पूरी खत्म हो गई है। करीब 2 किलो से ज्यादा की गांठ लटक रही है जिसके चलते उस गरीब महिला का घर से निकलना मुश्किल हो रहा है।यही नहीं घूंघट की आड़ से घुट घुट कर जी रही रुकमा को बार बार एक ही सवाल कौंध रही है कि क्या वह कभी दोनों आंख से देख पाएगी या नहीं?
सलूम्बर में स्वाइन फ्लू से मौत, उपचार के दौरान अहमदाबाद में तोड़ा दम प्रशासन की नजरअंदाजी उस गरीब आदिवासी महिला के साथ भगवान के साथ साथ प्रशासन भी मजाक करता नजर आ रहा है । प्रशासन की ओर से आज तक कोई सहायता नहीं मिली है। पेंंशन का आवेदन करने के बावजूद उसे सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिला। रुकमा मीणा के परिवार की हालत भी दयनीय है। कच्ची झोपड़ी में वह पति व बच्चों के साथ रह रही है ।
दिखवाएंगे मामला बीमारी से ग्रस्त लोगों को तत्काल पेंशन सहित अन्य राजकीय योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। इस मामले को दिखवाऊंगा। मोहकम सिंह, तहसीलदार व कार्यवाहक उपखण्ड अधिकारी, सराड़ा