READ MORE : प्रधानमंत्री आवास योजना: आशियाने के सपने में झूठ पकड़ा तो होगी जेल बडु़न्दिया फला शीतला घाटी निवासी चुन्नीलाल गमेती ने गत 9 अक्टूबर 2015 को गोगुंदा थाने में अपने चचेरे भाई भानाराम पुत्र रता गमेती के विरुद्ध उसके बेटे तुलसीराम की हत्या की रिपोर्ट दी थी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया। सुनवाई के दौरान अपर लोक अभियोजक गजेंद्रसिंह सोलंकी ने 16 गवाह व 28 दस्तावेज पेश किए। आरोप सिद्ध होने पर अपर जिला एवं सेशन न्यायालय क्रम ५ के पीठासीन अधिकारी योगेश शर्मा ने आरोपी भानाराम को धारा 302 में आजीवन कारावास व 25 हजार रुपए जुर्माना तथा धारा 323 में 6 माह की कैद, 500 रुपए जुर्माना व धारा 324 में दो वर्ष की कैद व 5 हजार जुर्माने की सजा सुनाई।
यह था मामला
परिवादी चुन्नीलाल ने रिपोर्ट में बताया कि घटना वाले दिन गांव में गवरी के समापन पर गळावण-वळावण कार्यक्रम चल रहा था। सभी लोग मंदिर में एकत्रित हुए। भोपे व अन्य ग्रामीण माताजी की सेवा कर रहे थे। तब ही भानाराम अचानक उठकर घर की तरफ रवाना हो गया और चिल्लाते हुए मां गंगली को भोपे को बुलाने की बात कहते हुए रवाना कर दिया। बाद में वह आंगन में ही खेल रहे अपने 3 साल के मासूम तुलसीराम को उठाकर कमरे में चला गया। अंदर से दरवाजा बंद होने पर चुन्नीलाल व लालूराम को शक हुआ, उन्होंने मकान के पिछवाड़े जाकर केलू हटाकर जब झांका तो भानाराम अपने पुत्र पर तलवार से हमला कर रहा था। वे लोग उतर कर दरवाजे तक पहुंचे तब तक आरोपी ने स्वयं पर केरोसिन डालकर आग लगा ली। जलती हुई अवस्था में ही वह तलवार लेकर बाहर दौड़ गया। पुलिसकर्मी हड़मत सिंह व गणपत ने उसे रोकने का प्रयास किया तो आरोपी ने उन पर भी तलवार से वार कर दिया। हमले में दोनों को भी चोटें आई। बाद में पुलिस ने उसे पकडक़र आग बुझाई।
परिवादी चुन्नीलाल ने रिपोर्ट में बताया कि घटना वाले दिन गांव में गवरी के समापन पर गळावण-वळावण कार्यक्रम चल रहा था। सभी लोग मंदिर में एकत्रित हुए। भोपे व अन्य ग्रामीण माताजी की सेवा कर रहे थे। तब ही भानाराम अचानक उठकर घर की तरफ रवाना हो गया और चिल्लाते हुए मां गंगली को भोपे को बुलाने की बात कहते हुए रवाना कर दिया। बाद में वह आंगन में ही खेल रहे अपने 3 साल के मासूम तुलसीराम को उठाकर कमरे में चला गया। अंदर से दरवाजा बंद होने पर चुन्नीलाल व लालूराम को शक हुआ, उन्होंने मकान के पिछवाड़े जाकर केलू हटाकर जब झांका तो भानाराम अपने पुत्र पर तलवार से हमला कर रहा था। वे लोग उतर कर दरवाजे तक पहुंचे तब तक आरोपी ने स्वयं पर केरोसिन डालकर आग लगा ली। जलती हुई अवस्था में ही वह तलवार लेकर बाहर दौड़ गया। पुलिसकर्मी हड़मत सिंह व गणपत ने उसे रोकने का प्रयास किया तो आरोपी ने उन पर भी तलवार से वार कर दिया। हमले में दोनों को भी चोटें आई। बाद में पुलिस ने उसे पकडक़र आग बुझाई।
मां व पत्नी हो गई पक्षद्रोही
मासूम की जघन्य हत्या के घटनाक्रम में उसकी दादी गंगली व मां मुख्य गवाह थी। लेकिन दोनों ही सुनवाई के दौरान न्यायालय में पक्षद्रोही हो गई। न्यायालय ने इसके बावजूद पर्याप्त साक्ष्य होने पर आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई।
मासूम की जघन्य हत्या के घटनाक्रम में उसकी दादी गंगली व मां मुख्य गवाह थी। लेकिन दोनों ही सुनवाई के दौरान न्यायालय में पक्षद्रोही हो गई। न्यायालय ने इसके बावजूद पर्याप्त साक्ष्य होने पर आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई।