75 साल की दादी पर दया नहीं आई 23 साल के पोते को
पुलिस ने बताया कि वासा गांव में रहने वाले धूलजी नागदा ने अपनी पत्नी धोली बाई की हत्या करने का मामला दर्ज कराया था। 80 साल के धूलजी और 75 साल की पत्नी धोली बाई एक ही घर में रहते थे और परिवार के अन्य सदस्य भी वहीं रहते थे। 19 अप्रेल को धोली बाई अपने मवेशियों को लेकर जंगल में चराने गई थी। देर शाम मवेशी जंगल से खुद लौट आए लेकिन धोली बाई नहीं आई । परिवार ने जंगल में जाकर देखा तो धोली बाई का शव पड़ा था और दोनो पैर कटे हुए थे। पैर से चांदी के कड़े निकाल लिए गए थे।
अंतिम संस्कार में शामिल हुआ, खूब आंसू बहाए, लेकिन पुलिस से बच नहीं सका
पुलिस ने जांच पड़ताल की और उसके बाद करीब आधा दर्जन लोगों को राउंड अप किया। इन लोगों में धोली बाई का 23 साल का पोता नरेश भी शामिल था। नरेश का व्यवहार पुलिस को कुछ अलग लग रहा था। अंतिम संस्कार में नरेश शामिल था और उसके बाद घर में होने वाले तमाम कार्यक्रम में भी वह शामिल था। उस पर शक होने पर पुलिस ने उससे सामान्य पूछताछ की। लेकिन शुरुआती पूछताछ में ही उसने जुर्म कबूल कर लिया। उसने पुलिस को बताया कि प्रेमिका को खुश करने, उपहार देने और उसके साथ मौज करने के लिए रूपयों की जरुरत थी। कोई पैसा नहीं दे रहा था। इसलिए दादी के कड़ों के लिए दादी को मार दिया। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।