कैदी ने ऐसे किया ‘मिशन’ पूरा
उदयपुर जेल में सुरक्षा का पूरा लवाजमा। परिसर में चौकसी के लिए 60 कैमरे और 20 फुट ऊंची पुख्ता दीवारें। इन सभी को धता बताकर कैदी पक्का उर्फ रमेशचंद जेल से भाग दूटा। 18 जून को हुई इस घटना के बाद भी पुलिस अभी तक कैदी का सुराग नहीं लगा पाई है। दिलचस्प तथ्य है कि मारपीट व चाकूबाजी के केस में दो साल की सजा काट रहे इस कैदी की 3 जुलाई को रिहाई होनी थी।
उदयपुर जेल में सुरक्षा का पूरा लवाजमा। परिसर में चौकसी के लिए 60 कैमरे और 20 फुट ऊंची पुख्ता दीवारें। इन सभी को धता बताकर कैदी पक्का उर्फ रमेशचंद जेल से भाग दूटा। 18 जून को हुई इस घटना के बाद भी पुलिस अभी तक कैदी का सुराग नहीं लगा पाई है। दिलचस्प तथ्य है कि मारपीट व चाकूबाजी के केस में दो साल की सजा काट रहे इस कैदी की 3 जुलाई को रिहाई होनी थी।
बंदियों की गिनती पर चला पता
जेल अधिकारियों ने 18 जून को सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक बंदियों की गिनती की, तब बंदी रमेश के गायब होने का पता चला। बैरकों सहित पूरे परिसर की तलाशी के बावजूद उसका कोई पता नहीं चला। पुलिस ने सूरजपोल थाने में फरारी की रिपोर्ट दर्ज क राई है।
जेल अधिकारियों ने 18 जून को सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक बंदियों की गिनती की, तब बंदी रमेश के गायब होने का पता चला। बैरकों सहित पूरे परिसर की तलाशी के बावजूद उसका कोई पता नहीं चला। पुलिस ने सूरजपोल थाने में फरारी की रिपोर्ट दर्ज क राई है।
करंट वाले तार व वॉच टावर
21 बीघा में फैली उदयपुर जेल की 20-20 फुट ऊंची दीवारों के ऊपर करंट वाले तारबंदी है। वॉच टावर सहित मुख्य द्वार पर जेल प्रहरी, उपाधीक्षक कार्यालय, गार्ड, आरएसी व बॉर्डर होमगार्ड का जाप्ता तैनात है। सूत्रों के अनुसार पुलिस जांच में कैमरे बंद पाए गए।
21 बीघा में फैली उदयपुर जेल की 20-20 फुट ऊंची दीवारों के ऊपर करंट वाले तारबंदी है। वॉच टावर सहित मुख्य द्वार पर जेल प्रहरी, उपाधीक्षक कार्यालय, गार्ड, आरएसी व बॉर्डर होमगार्ड का जाप्ता तैनात है। सूत्रों के अनुसार पुलिस जांच में कैमरे बंद पाए गए।
कयास है कि जेल में मेडिकल टीम की आवाजाही के वक्त कैदी मेन गेट से भाग छूटा। कैदी के गांव पानरवा में दबिश दी, लेकिन पता नहीं चला।
रामसुमेर, सूरजपोल थानाधिकारी
रामसुमेर, सूरजपोल थानाधिकारी