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एक्सईएन ने बताया कि तार की कीमत करीब 70 हजार रुपए है जिसमें लागत शुल्क शामिल नहीं है। उन्होंने बताया कि तार कटने से सुखेर इंडस्ट्रियल एरिये की बिजली बंद हो गई, जो शाम तक शुरू हुई। इससे निगम को करीब पांच लाख रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है।
एक्सईएन ने बताया कि तार की कीमत करीब 70 हजार रुपए है जिसमें लागत शुल्क शामिल नहीं है। उन्होंने बताया कि तार कटने से सुखेर इंडस्ट्रियल एरिये की बिजली बंद हो गई, जो शाम तक शुरू हुई। इससे निगम को करीब पांच लाख रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है।
पहले भी हुई है चोरी
इसी लाइन पर तीन माह पूर्व पांच स्पान का तार चोर काट कर ले गए थे। करीब डेढ़ माह पूर्व बड़ी तालाब के पास भी चोरों ने चालू लाइन से तार चुराया था। हाल ही में गोगुंदा में लूट की वारदात हुई थी। उमरड़ा लाइन पर भी 22 स्पान के तार काट लिए गए थे।
इसी लाइन पर तीन माह पूर्व पांच स्पान का तार चोर काट कर ले गए थे। करीब डेढ़ माह पूर्व बड़ी तालाब के पास भी चोरों ने चालू लाइन से तार चुराया था। हाल ही में गोगुंदा में लूट की वारदात हुई थी। उमरड़ा लाइन पर भी 22 स्पान के तार काट लिए गए थे।
पुलिस की सुस्ती
जिले में आए दिन विद्युत उपकरणों और तारों की चोरी की वारदातें हो रही हैं। इन वारदातों की एफआईआर भी संबंधित थानों में लगाई जाती है लेकिन चोरों को पकडऩे में पुलिस को सफलता नहीं मिल रही है।
दोपहर तक दर्ज नहीं हुआ मामला
सहायक अभियंता सोमेन माथुर ने बताया कि चोरी का अंदेशा होने पर रात को ही विद्युत निगम के कर्मचारी थाने से एक-दो सिपाहियों को साथ लेकर मौका देखने गए। गुरुवार सुबह जब पुन: थाने गए तो अधिकारी नहीं मिलने से मामला दर्ज नहीं हो पाया। लाइन बंद होने से उपभोक्ता परेशान नहीं हो, इसके लिए कार्य शुरू कर दिया है। इधर, दोपहर करीब 3 बजे तक मौके पर पुलिस नहीं पहुंची थी।
सहायक अभियंता सोमेन माथुर ने बताया कि चोरी का अंदेशा होने पर रात को ही विद्युत निगम के कर्मचारी थाने से एक-दो सिपाहियों को साथ लेकर मौका देखने गए। गुरुवार सुबह जब पुन: थाने गए तो अधिकारी नहीं मिलने से मामला दर्ज नहीं हो पाया। लाइन बंद होने से उपभोक्ता परेशान नहीं हो, इसके लिए कार्य शुरू कर दिया है। इधर, दोपहर करीब 3 बजे तक मौके पर पुलिस नहीं पहुंची थी।
गेंग का काम
बिजली के तार चुराने वालों की गेंग होने की आशंका है। जिस सफाई से तार काटे गए हैं, उससे प्रतीत होता है कि चोरों के पास आधुनिक उपकरण हैं। चालू लाइन को काटने का काम भी संभवतया खंभे पर चढ़े बिना ही किया गया है।
बिजली के तार चुराने वालों की गेंग होने की आशंका है। जिस सफाई से तार काटे गए हैं, उससे प्रतीत होता है कि चोरों के पास आधुनिक उपकरण हैं। चालू लाइन को काटने का काम भी संभवतया खंभे पर चढ़े बिना ही किया गया है।
महंगा होता है तार
एल्यूमिनियम कंडक्टर स्टील रिइंफॉर्स (एसीएसआर) चार तरह के होते हैं। इनके नाम विजल, रेबिट, रकून और डॉग है। डॉग कंडक्टर वायर काफी महंगा होता है। इसका उपयोग 33 केवी लाइन के लिए किया जाता है। इसमें एल्यूमिनियम के साथ थी जस्ता भी शामिल होता है। चोर अधिकांश 33 केवी लाइन से ही तार चुराते हैं।
एल्यूमिनियम कंडक्टर स्टील रिइंफॉर्स (एसीएसआर) चार तरह के होते हैं। इनके नाम विजल, रेबिट, रकून और डॉग है। डॉग कंडक्टर वायर काफी महंगा होता है। इसका उपयोग 33 केवी लाइन के लिए किया जाता है। इसमें एल्यूमिनियम के साथ थी जस्ता भी शामिल होता है। चोर अधिकांश 33 केवी लाइन से ही तार चुराते हैं।