28 वर्ष पुराने वसूली मामले में उदयपुर कलक्टर की कुर्सी कुर्क, सेल अमीन ने न्यायालय के आदेश पर की कार्रवाई यह था मामला
कंपनी के अधिवक्ता संजय कोठारी ने बताया कि वर्ष 1990 में मिले कार्यादेश पर कंपनी ने वर्ष 1998 में सडक़ का निर्माण कार्य पूरा कर दिया था। भुगतान नहीं मिलने पर कंपनी आर्बिटे्रशन ट्रिब्यूनल में गई थी, जहां से वर्ष 2011 में कंपनी के पक्ष में निर्णय हुआ। कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वह 6 माह के अंदर कंपनी को भुगतान करें अन्यथा उसके बाद ब्याज देय होगा। आदेश के बावजूद सरकार व अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। कम्पनी अपील में गई तो अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में वर्ष 2015 में राज्य सरकार के प्रार्थना पत्र को खारिज कर फैसला यथावत रखा।
कंपनी के अधिवक्ता संजय कोठारी ने बताया कि वर्ष 1990 में मिले कार्यादेश पर कंपनी ने वर्ष 1998 में सडक़ का निर्माण कार्य पूरा कर दिया था। भुगतान नहीं मिलने पर कंपनी आर्बिटे्रशन ट्रिब्यूनल में गई थी, जहां से वर्ष 2011 में कंपनी के पक्ष में निर्णय हुआ। कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वह 6 माह के अंदर कंपनी को भुगतान करें अन्यथा उसके बाद ब्याज देय होगा। आदेश के बावजूद सरकार व अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। कम्पनी अपील में गई तो अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में वर्ष 2015 में राज्य सरकार के प्रार्थना पत्र को खारिज कर फैसला यथावत रखा।
कांग्रेस की संकल्प रैली: अशोक गहलोत बोले, मुख्यमंत्री का झूठ बताने पचपदरा लाया हूं इस पर राज्य सरकार ने ठेकेदार को भुगतान करने एवं ब्याज की देयता के लिए जिम्मेदारी अधिकारी का निर्णय किया, लेकिन भुगतान नहीं करने पर कम्पनी को न्यायालय में फिर से वसूली के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया था। इस पर 30 अगस्त को जिला कलक्टर की यह कुर्सी कुर्क की गई थी।