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देसी पव्वे से महंगी है हथकढ़ सरकार ने अंग्रेजी शराब की तरह देसी शराब पर कीमत निर्धारित नहीं की। शराब कारोबारी देसी पव्वा सरकार से 20 से 25 रुपए उठा रहा है लेकिन वह उसे अलग-अलग क्षेत्र के अनुसार 35 से 50 रुपए के बीच मिल रहा है जबकि देसी हथकढ़ शराब आदिवासी अंचल में 50-60 रुपए में मौजूद है और उसमें आदिवासी का मनचाहा पव्वे से ज्यादा करंट है।
देसी पव्वे से महंगी है हथकढ़ सरकार ने अंग्रेजी शराब की तरह देसी शराब पर कीमत निर्धारित नहीं की। शराब कारोबारी देसी पव्वा सरकार से 20 से 25 रुपए उठा रहा है लेकिन वह उसे अलग-अलग क्षेत्र के अनुसार 35 से 50 रुपए के बीच मिल रहा है जबकि देसी हथकढ़ शराब आदिवासी अंचल में 50-60 रुपए में मौजूद है और उसमें आदिवासी का मनचाहा पव्वे से ज्यादा करंट है।
बनाने का भी अपना तरीका
बाजार में पशु आहार के रूप में बिकने वाले महुए को आदिवासी खरीदकर शराब बनाने के काम में लेते हैं। वह उसे ड्रमों में गुड़ के साथ मिलाकर रखता है। इन ड्रमों को नदी-नालों में भारी भरकम पत्थरों के नीचे दबाकर रखा जाता है। जब वह सडऩे लग जाता है तब मटके में भरकर भट्टियों में गर्म कर उबालते हुए शराब निकाली जाती है।