उदयपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने किया कमाल
‘ईफ पॉलीमरÓ विश्व स्तर पर हुआ सम्मानित
नीदरलैण्ड में हुआ कार्बन चैलेंज कॉम्पिटीशन : 53 देशों ने लिया भाग
उदयपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने किया कमाल
उदयपुर . कम पानी की मौजूदगी में ख्ेाती करने और कार्बनडाई ऑक्साइड कम करने को लेकर महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक सीटीएई कॉलेज छात्रों द्वारा बनाया गया ‘ईफ पॉलीमरÓ प्रोडक्ट को विश्व स्तर पर सराहते हुए पुरस्कृत किया गया है। बता दें, यह पुरस्कार नीदरलैण्ड में कार्बन कॉम्पिटीशन की श्रेणी में दिया गया है। टीम सदस्य नारायण गुर्जर ने बताया कि ग्रीन बिजनस आइडिया की दिशा में काम करने वालो के लिए क्लाइमेट लोंचपेड संस्था और नीदरलैण्ड सरकार द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में विश्व भर से दो हजार से ज्यादा आवेदन आए थे। करीब ५३ देशों से १३० टीमों ने इसमें अपने द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट प्रस्तुत किए गए जिनमें से सीटीएई के छात्रों पूरण्सिंह राजपूत, अंकित जैन, शशिप्रताप, बुद्धिप्रकाश गुर्जर द्वारा बनाए ‘ईफ पॉलीमरÓ प्रथम पुरस्कार के लिए चुना गया।
क्या है ईफ पॉलीमर
बायो वेस्ट से तैयार किया गया खाद ईका फ्रेंडली पॉलीमर कहलाता है। इसके प्रयोग से यह पानी को अवशोषत कर लेता है और जमीन में नमी बनाए रखता है। एेसे में खेत में डालने पर यह कम पानी होने पर भी फसल को नमी देता रहता है। बायोवेस्ट का प्रयोग खाद बनाने में होने से इससे सीओ-२(कार्बनडाइ ऑक्साइड) में कमी आती है जो तेजी से बदल रहे ग्लोबल क्लाइमेंट को राकने में कारगर साबित हो सकता है। इस तरह की खाद बनाने का काम अभी प्राइमरी स्तर पर चल रहा है। साथ ही भविष्य में इसका उत्पादन होना शुरू हो इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं।