गौरतलब है कि गुमशुदा रूपा को अंतिम बार ओड़ा के ड़ाकन बड़ली चौराहे पर शनिवार को अंतिम बार देखा गया था, जो भंवरिया निवासी सुंदरलाल कपाया और एक अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर शराब पी रहा था। शाम को घर नहीं पहुंचने पर परिवार द्वारा जगह-जगह ढूंढा फिर भी पता नहीं लगा। इस पर पुलिस थाना ओगणा में रिपार्ट दर्ज कराई गई थी। पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने पर मंगलवार को परिजन झाड़ोल उपखंड मुख्यालय पहुंचे, जहां उपखंड अधिकारी मणिलाल तीरगर एवं डीएसपी राजेश विद्यार्थी को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की। ओड़ा सरपंच रमीला देवी के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति में ज्ञापन दिया गया था।
पत्थर से बंधा था शवरूपा 2 दिसंबर को घर से लापता हो गया था। इस पर थाने में मामला दर्ज कराया गया था। शनिवार शाम ओड़ा के निकट नदी के पास एक कुएं से दुर्गंध आने पर ग्रामीणों ने देखा तो उसमें शव पड़ा था। उन्होंने आरोप लगाया कि रूपा की हत्या करके कुएं में डाला गया। बाहर निकालते वक्त उसके शरीर पर पत्थर बंधे हुए थे। जिस पर ग्रामीणों ने सरपंच रमिला देवी को सूचना दी। सरपंच की सूचना पर थाना अधिकारी उत्तम सिंह व करनाराम मय जाप्ता घटनास्थल पर पहुंचे व शव कुएं से निकाल कर झाडोल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मोर्चरी में रखवाया।
जिसका डर था वही हुआ परिजनों ने बताया कि आठ दिन बाद भी रूपा के घर नहीं लौटने पर उन्हें हत्या का डर सता रहा था। रूपा के साथ शराब पीने वाले सुंदरलाल व एक अन्य व्यक्ति भी अपने घर से गायब है। इस पर उन्होंने आशंका जताई थी कि कहीं रूपा के साथ अनहोनी न हो जाए, लेकिन रूपा के साथ यह घटना आखिर हो ही गई।