मेरी फाइल को 165 दिन हो गए
आवेदक कैलाश कर्णावट ने आयुक्त सिद्धार्थ सिहाग को शिकायत करते हुए बताया कि उन्होंने ऑनलाइन आवेदन के लिए आवेदन किया और करीब 165 दिन बीत गए लेकिन अभी तक नामांतरण नहीं किया गया। कर्णावट ने सवाल उठाए कि उनके आवेदन को इधर से उधर भेजा गया और इस अवधि में अभी तक उनका काम नहीं हुआ। उन्होंने स्टाफ की भी शिकायत की।
एक बाबू के भरोसे काम
ऑनलाइन नामांतरण की प्रक्रिया को लेकर पड़ताल की तो सामने आया कि निगम में दो प्रन्यास शाखा है जिनमें ऑनलाइन आवेदन देखने के लिए एकमात्र बाबू है। आवासन मंडल को छोडक़र पूरे शहर के आवेदन नामांतरण के लिए वहीं से आगे बढ़ते है जबकि पहले वहां पर पांच बाबू हुआ करते थे।
बहुत कुछ बताया मेयर व आयुक्त को
पड़ताल में सामने आया कि डीटीपी कार्यालय के जरिए मेयर व आयुक्त को कई बार अवगत करवाया गया कि ऑनलाइन नामांतरण की प्रक्रिया को लेकर स्टाफ की कमी पूरी की जाए लेकिन अभी तक किसी ने इसका समाधान नहीं निकाला। नामांतरण की प्रक्रिया से गुजरे एक अन्य आवेदक ने बताया कि जब से यह प्रक्रिया ऑनलाइन की तब से वहां पर इन्टरनेट तो दूर कम्प्यूटर सिस्टम ही नहीं था, सिस्टम करीब डेढ़ महीने पहले ही लगा था।