scriptVIDEO: उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल की निजी लैब परिसर में बेबस दिखे परिजन, नहीं मिली व्हील चेयर, तड़पा कैंसर रोगी | VIDEO: cancer patient didn't got wheel chair in MB hospital udaipur | Patrika News
उदयपुर

VIDEO: उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल की निजी लैब परिसर में बेबस दिखे परिजन, नहीं मिली व्हील चेयर, तड़पा कैंसर रोगी

कैंसर रोगी को ओपीडी समय के बाद वार्ड नंबर 5 में भर्ती करवाया गया।

उदयपुरApr 17, 2018 / 02:02 pm

madhulika singh

cancer patient didn't got wheel chair in MB hospital udaipur
डॉ सुशील सिंह चौहान/ उदयपुर . बेहतर इलाज की उम्मीद में संभाग के सबसे बड़े महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय तक आने वाले दूरदराज के ग्रामीणों के प्रति चिकित्सा विभाग की उदासीनता चुनौती के रूप में सामने आ रही है। ऐसा ही एक मामला सोमवार को सामने आया, जब कैंसर रोगी को ओपीडी समय के बाद वार्ड नंबर 5 में भर्ती करवाया गया।

रेजिडेंट ने मरीज को परामर्श के साथ आवश्यक जांचें भी लिखी, लेकिन मूंगाणा (प्रतापगढ़) निवासी ताराचंद्र (60) असहनीय दर्द के बीच सेंट्रल लैब तक पहुंचने की जिद करने लगा। यह देख बुजुर्ग के साथ मौजूद बेटी और बहू ने संविदा कार्मिक से व्हील चेयर की मांग की, लेकिन रुपए की लालच में कार्मिक ने उसे व्हील चेयर नहीं दी। पैदल ही चलकर सेंट्रल लैब जाने वाला बुजुर्ग दिशा भटकने के बाद कल्पना पैथ लैब परिसर में जमीन पर तड़पता रहा और उसे उठा कर ले जाने में असक्षम परिजन मौके पर केवल विलाप करते रहे।बाद में पत्रिका टीम की दखल पर कार्यवाहक नर्सिंग अधीक्षक जगदीश पूर्बिया ने व्हील चेयर से लेकर सेंट्रल लैब में जांच और मरीज को वार्ड तक पहुंचाने की जहमत उठाई।
READ MORE: अनूठी मिसाल: उदयपुर में हो रही इस शादी में बेटी ने पेश की मिसाल, सभी कर रहे ऐसी शादी की तारीफ


बेटी रमीला ने बताया कि उसने वार्ड से सेंट्रल लैब तक रोगी पिता को लाने के लिए संविदा कर्मचारी से व्हील चेयर मांगी थी। जवाब में संविदा कार्मिक महिला ने उससे व्हील चेयर के साथ ले जाने के बदले 50 रुपए मांगे थे। उसने खुल्ले 20 रुपए देने की बात कही तो महिला कर्मचारी ने उसकी मदद से इनकार कर दिया। मजबूरी में रोगी पिता पैदल ही जांच कराने की जिद करने लगे। सेंट्रल लैब से पहले कल्पना लैब में पहुंचने के बाद पिता दर्द से पीडि़त होकर जमीन पर लेट गए। पूरा किस्सा सुनाते हुए बेटी रमीला की आंखें भर आई। खामी का यह किस्सा यहीं तक नहीं था। जांच पर्ची पर बिना रजिस्ट्रेशन नंबर, नाम एवं अन्य खानापूर्ति के अभाव में भी मरीजों को परेशान होना पड़ा। जांच पर्ची पर केवल टी लिखकर रेजिडेंट ने कलम रगड़ दी।

25 मिनट में व्यवस्था
पत्रिका टीम के मौके पर पहुंचने पर नर्सिंग अधीक्षक पूर्बिया बगैर समय गंवाए कल्पना लैब परिसर पहुंचे। जमीन पर लेटे मरीज को देखकर परिजनों से जानकारी ली तो रमीला ने पुराना किस्सा सुनाया। पूॢबया ने जिम्मेदारी समझते हुए वार्ड नंबर 101 से व्हील चेयर की व्यवस्था की।
READ MORE: PATRIKA STING: बाल विवाह रोकने के लिए बने नियमों की उड़ रही धज्जियां, पैसे के आगे सबके मुंह बंद

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को साथ भेजकर सेंट्रल लैब में लिखी हुई जांचें कराई और मरीज को वार्ड तक पहुंचाने में पूरी भूमिका निभाई। अधूरी पर्ची में खाली स्थान की पूर्ति भी करवाई गई।

मरीज की सुविधा के लिए स्टाफ को पाबंद किया हुआ है। ठेका एजेंसी के कुछ अस्थायी कर्मचारी ऐसी गलतियां करते हैं। जानकारी जुटाकर एजेंसी को ऐसे कार्मिकों के खिलाफ ठोस कदम उठाने को कहा जाएगा।
डॉ. विनय जोशी, अधीक्षक, एमबी हॉस्पिटल

Home / Udaipur / VIDEO: उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल की निजी लैब परिसर में बेबस दिखे परिजन, नहीं मिली व्हील चेयर, तड़पा कैंसर रोगी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो