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उदयपुर

खुद की जान जोखिम में लेकिन काम पहली जिम्मेदारी

– खुद की जान जोखिम में लेकिन काम पहली जिम्मेदारी
– मानदेय कम लेकिन काम में कमी नहीं
– कहानी लोकेश और प्रकाश की

उदयपुरMar 29, 2020 / 12:52 pm

bhuvanesh pandya

खुद की जान जोखिम में लेकिन काम पहली जिम्मेदारी

खुद की जान जोखिम में लेकिन काम पहली जिम्मेदारी

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. ये भले ही नियमित कर्मचारी नहीं है, इनका मानदेय दूसरों से कम है, लेकिन खुद की जान को जोखिम में डालकर ये रोजना दोपहर दो से पांच बजे तक कोरोना ओपीडी में ड्यूटी देते हैं। हालंाकि वे अपनी सुरक्षा के प्रति पूरे सावचेत है, लेकिन पहले उन्हें भी घर वालों के डर का सामना करना पड़ा था। बात ओपीडी में काम करने वाले प्रकाश गौड़ और लोकेश शर्मा की है। प्रकाश मूलत: टोंक के हैं तो लोकेश उदयपुर के कानोड़ क्षेत्र के। दोनों नियमित कार्मिक नहीं है, संविदा पर कार्यरत है, वेतन भी कम मिलता है, लेकिन इस महामारी के दौर में दोनों किसी रियल हीरो की तरह जुटे हैं।
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हर घड़ी संक्रमण से होते हैं दो चार ये नर्स ग्रेड द्वितीय हैं, दोनों हर घड़ी संक्रमण से दो चार हो रहे हैं। लोकेश ने बताया कि वह अपनी पत्नी और बच्चे के साथ हीरणमगरी क्षेत्र में रहता है, पहले तो घर वालों को पता चलने पर काफी डर लगा था कि कोरोना वार्ड में कैसे काम करेंगे, लेकिन जब उन्होंने उनकी सुरक्षा की पूरी बात घर बताई तब जाकर उन्हें भी तसल्ली मिल गई। इसी प्रकार टोंक के प्रकाश यहां अकेले रहते हैं, उन्होंने जब अपने माता पिता को बताया था तो वे सब भी अंदर से हिल गए थे, लेकिन अब ये सामान्य हो गया। वे यहां प्रतिदिन आने वाले मरीजों की पूरी स्क्रीनिंग करते हैं, पूरी हिस्ट्री लेते हैं, इसके बाद आगे चिकित्सकों के पास जांच के लिए भेज देते हैं। वह यहां दोपहर दो से रात आठ बजे तक काम कर रहे हैं। मरीज का नाम, पता व एड्रेस सहित पूरी जानकारी ये लिख रहे हैं।
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