पुजारी आशीष गुरु के अनुसार सबसे पहले हर त्योहार की शुरुआत भगवान महाकालेश्वर के दरबार से ही होती है, इसी क्रम में शनिवार को रूप चौदस के मौके पर सुबह 4 बजे होने वाली भस्म आरती के दौरान बाबा को अभ्यंग स्नान कराया जाएगा, जिसमें चंदन के बुरादे, इत्र व अन्य सुगंधित द्रव्यों से बाबा स्नान करेंगे और रूप निखारेंगे। शहर में इसके बाद ही रूप चौदस का आयोजन होगा।
गरम जल से स्नान होगा शुरू आशीष गुरु ने बताया कि इसी दिन से महाकाल बाबा को गरम जल से स्नान कराने का क्रम भी शुरू हो जाएगा। यह क्रम चार मास तक चलता है, अर्थात फाल्गुन मास तक बाबा को गरम जल से ही स्नान कराया जाएगा।