scriptशिप्रा किनारे २०० मीटर ही रहेगा ग्रीन बेल्ट, सिंहस्थ में उपयोग जमीन आवासीय, ट्रांसपोर्ट नगर बनेगा | Green belt will remain only 200 meters along Shipra, land used in Simh | Patrika News
उज्जैन

शिप्रा किनारे २०० मीटर ही रहेगा ग्रीन बेल्ट, सिंहस्थ में उपयोग जमीन आवासीय, ट्रांसपोर्ट नगर बनेगा

– शिकायत और आरोपों में घिरे शहर का मास्टर प्लान-२०३५ लागू
– दो बिंदुओं को छोड़ शेष सभी प्रस्ताव लागू किए

उज्जैनMay 28, 2023 / 01:43 am

rajesh jarwal

Green belt will remain only 200 meters along Shipra, land used in Simhastha will become residential, transport city

शिप्रा किनारे २०० मीटर ही रहेगा ग्रीन बेल्ट, सिंहस्थ में उपयोग जमीन आवासीय, ट्रांसपोर्ट नगर बनेगा

उज्जैन.आपत्ति और शिकायतों में उलझा शहर का मास्टर प्लान-२०३५ लंबे इंतजार के बाद लागू हो गया है। प्लान में प्रस्तावित दो बिंदुओं को विलोपित कर शेष सभी को शामिल कर लिया है। ऐसे में सर्वाधिक विवादों में घीरे सांवराखेड़ी, जीवनखेड़ी, दाउदखेड़ी व आसपास की जमीन को आवासीय करने का प्रस्ताव भी मंजुर माना जा रहा है। अच्छी बात है कि शिप्रा के ग्रीन बेल्ट को यथावत २०० मीटर रखते हुए इसे घटाया नहीं है। हालांकि अभी स्वीकृत मास्टर प्लान की विस्तृत जानकारी सामने नहीं आई है।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग द्वारा मास्टर प्लान-३५ तैयार होने के बाद करीब दो वर्ष स्वीकृति के लिए लंबित था। शुक्रवार को राजपत्र में इसका प्रकाशन कर लागू कर दिया गया है। अब नए नक्शे शामिल कर करीब एक सप्ताह में स्वीकृत मास्टर प्लान सार्वजनिक होने की उम्मीद है। शहर के नए मास्टर प्लान में देवासरोड, मक्सीरोड व आगर रोड पर निवेश क्षेत्र बढ़ाया है। इससे करीब १० किलोमीटर में शहर का विस्तारीकरण हो सकेगा।सिंहस्थ में जहां सेटेलाइट टाउन था, घर बन सकेंगे
शहर का मास्टर प्लान सबसे अधिक सिंहस्थ क्षेत्र को लेकर शिकायत व विवादों में उलझा था। प्रस्तावित प्लान में कस्बा उज्जैन व सांवराखेड़ी में वाकणकर ब्रिज एमआर-२४ से दक्षिणी भाग मेें प्रस्तावित पीएसपी, आमोद-प्रमोद, उपयोग से आवासीय प्रस्ताव उल्लेखित किए गए थे। इसमें ग्राम सांवराखेड़ी, जीवनखेड़ी, दाउदखेड़ी व आसपास का क्षेत्र शामिल हैं। सिंहस्थ २०१६ में यहां के कई क्षेत्र कैंप, सेटेलाइट टाउन, स्वास्थ्य सुविधा व अन्य व्यवस्थाएं हुई थी। इनका हवाला देते हुए अभा अखाड़ा परिषद ने भी इन्हें आवासीय करने पर आपत्ति ली थी। प्रकाशित अधिसूचना में विलोपित दो बिंदुओं में यह प्रस्ताव शामिल नहीं है। ऐसे में अब उक्त क्षेत्र का आवासीय उपयोग हो सकेगा। हालांकि मास्टर प्लान जारी होने के बाद ही अधिकृत तौर पर स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।नहीं बनेगा गऊघाट पर ब्रिज
गऊघाट को सांवराखेड़ी से जोडऩे के लिए ब्रिज प्रस्तावित किया गया था। स्वीकृत मास्टर प्लान ें इसे विलोपित कर दिया है। अब उक्त ब्रिज नहीं बनेगा। इसके अलावा अनुसूची की कंडिका क्रमांक-२सरल क्रमांक-१५(४) अध्याय-६ विकास नियमन की कंडिका -६.२७के बिंदु क्रमांक-१ को प्रतिस्थापित किए जाने संबंधि प्रस्ताव को भी विलोपित किया है। जानकारों के अनुसार यह प्रस्ताव शिप्रा किनारे ग्रीन बेल्ट २०० से घटाकर १०० मीटर करने का था।विधायक बोले- पहले अध्ययन करूंगा
उज्जैन उत्तर के विधायक पारस जैन ने सिंहस्थ में उपयोग क्षेत्र को आवासीय करने के प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति ली थी। इससे भाजपा की राजनीति गरमाई लेकिन वे अपनी बात पर अडिग रहे। अब मास्टर प्लान लागू होने के बाद जैन ने फिलहाल स्पष्ठ प्रतिक्रिया नहीं दी है। उन्होंने कहा, अभी मेरे पास मास्टर प्लान नहीं आया है। पहले मैं दो दिन इसका अध्ययन करुंगा, इसके बाद बताऊंगानए मास्टर प्लान से २०३५ तक का विकास
– शिप्रा नदी क किनारे २०० मीटर तक ग्रीन बैल्ट रहेगा। पहले सौ मीटर के बाद मठ, मंदिर, आश्रम, रिसोर्ट आदि के लिए अनुमति देने का प्रस्ताव था जिसे विलोपित कर दिया है।- लालपुल क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट नगर बसेगा।
– बढ़ती जनसंख्या के मान से निवेश क्षेत्र ७ हजार ८६३ से बढ़कर ८ हजार से अधिक हो सकेगा। आवासीय क्षेत्र ३ हजार ६८३ हेक्टेयर है। इसमें आवासीय के साथ व्यावसायिक प्रेाजेक्ट आ सकेंगे। मिश्रीत क्षेत्र भी बढ़ेगा।- सिद्धवट से अंगारेश्वर मंदिर तक पैदल ब्रिज।
– १८ मीटर व उससे अधिक चौड़े मार्ग पर एफएआर १अनुपात १.७५ व २४ मीटर और उससे अधिक चौड़े मार्ग पर १ अनुपाद २ एफएआर देय होगा।- २०३५ तक संपूर्ण क्षेत्र में गैस पाइप लाइन की व्यवस्था होगी।
– कान्ह नदी के दोनो ओर ३०-३० मीटर तक का क्षेत्र वृक्षारोपण के लिए।- जूना सोमवारिया मार्ग से सदावल ट्रीटमेंट प्लांट तक १८ मीटर चौड़ा लिंक मार्ग।

– भूमि आवंतरण के लिए पूर्व आवेदन में जिन्होंने राशि जमा की है, उनका आवंतरण हो सकेगा।(नोट- मास्टर प्लान में उक्त प्रस्ताव शामिल थे, जिन दो बिंदुओं को विलोपित किया उनमें यह शामिल नहीं है। मास्टर प्लान की प्रति जारी होने पर संशोधन संभव)
बाले आपत्तिकर्ता ४६५ आपत्तियों को डेढ़ घंटे में सुना

हमने जिन बिंदुओं पर पर आपत्ति ली थी, उन्हें नकार दिया गया है। ४६५ आपत्तियां थी जिनकी सुनवाई मात्र डेढ़ घंटे में कर दी गई। आपत्तियों को सुना ही नहीं गया। बाद में आनलाइन सुनवाई में भी आधे-अधूरे लोग ही शामिल हो सके।- रवि राय, कांग्रेस पार्षद नेता प्रतिपक्ष व आपत्तिकर्ता
—-निर्णय से पहले मास्टर प्लान लागू

मास्टर प्लान को लेकर न्यायालय में केस फाइल किया था। न्यायालय द्वारा सबंधितों को सूचना पत्र भी जारी किए हैं। न्यायालय से निर्णय होने के पूर्व ही मास्टर प्लान लागू कर दिया गया है।- एसएन सोमानी, आपत्तिकर्ता
उज्जैन मास्टर प्लान-२०३५ लागू हो गया है। अब इसके आधार पर विकास कार्य होंगे।

– विष्णु खरे, जेडी टाउन एंड कंट्री प्लानिंग

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