सभी दर्शनार्थियों को 6 दिसंबर से मंदिर के गर्भगृह और नंदी हॉल में प्रवेश दिए जाने की बात पिछले दिनों हुई प्रबंध समिति की बैठक में कही गई थी, लेकिन अब इसे पूरा होने में संशय की स्थिति बन रही है, क्योंकि कोरोना के नए वैरिएंट ने सभी को परेशानी में डालदिया है।
मंदिर प्रबंधनने श्रद्धालुओं को बिना मास्क और दोनों डोज का प्रमाण दिखाए बिना प्रवेश पर रोक लगा रखी है। कोरोना महामारी रूप बदलकर फिर सामने खड़ी है। मंदिर में होने वाली भीड़ परेशानी का कारण बन सकती है। इंदौर-भोपाल में मामले सामने आए है, इसे रोकने के लिए प्रशासन द्वारा तैयारी शुरू कर दी है। महाकाल मंदिर जहां हर समय श्रद्धालुओं की भीड़यनी रहती है, उन्हें सुरक्षित रखने तथा 6 दिसंबर से गर्भगृह और नंदी हॉल में प्रवेश देने के निर्णय पर किस प्रकार से अमल किया जाएगा, इस पर रविवार को पुन: मंथन किया जाएगा।
बिना मास्क प्रवेश नहीं
सहायक प्रशासनिक अधिकारी मूलचंद जूनवाल ने बताया मंदिर में कोरोना काल में जो व्यवस्थाएं। लागू की गई थीं, उन्हें फिर से शुरू कर दिया गया है। प्रवेश द्वार पर सभी को सैनिटाइज किया जाता है, इसके बाद मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही वैक्सीन के दोनों डोज लगे हैं या नहीं इसकी पुष्टि की जाती है।