वहीं सीएम की घोषणा पर अब उज्जैन-इंदौर के बीच जल्द ही आरआरटीएस का काम शुरू होने की संभावनाएं तेज हो गई है। अच्छे ट्रैफिक से वैसे भी मेट्रो जरूरी और फायदेमंद होगी। वहीं सीएम की घोषणा से सिंहस्थ से पहले की समय सीमा इसके लिए टारगेट तय कर गई है। इसको लेकर डीएमआरसी ने लगभग सर्वे पूरा कर लिया, जिसकी रिपोर्ट के बाद डीपीआर तैयार होगी और उसके बाद राज्य व केंद्र सरकार अपने हिस्से के साथ ही काम शुरू करेंगे।
उज्जैन से सांवेर, धरमपुरी होते हुए इंदौर का करीब 50 किमी का रास्ता तेज गति से तय करने के लिए काफी समय से कवायद चल रही है। पहले बीआरटीएस फिर मेट्रो और अब दोनों शहरों को जोड़ने के लिए आरआरटीएस की स्थिति बन रही है। इसी तेज गति से मेट्रो विस्तार के लिए ट्रैक का सर्वे कर फिजिबिलिटी रिपोर्ट भी बन रही है। करीब दो सप्ताह पहले दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के टीम प्रभारी अधिकारी एसडी शर्मा के नेतृत्व में उज्जैन से इंदौर तक का सर्वे कर गई है।
टीम ने आरआरटीएस के लिए ट्रैक का दौरा किया। उज्जैन व सांवेर के समीप डिपो के लिए दो-तीन लोकेशन भी देखी, जिसमें उज्जैन के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के पास वाली जमीन भी शामिल है। मेट्रो से उज्जैन-इंदौर का सफर 40 से 45 मिनट में तय हो सकेगा। मेट्रो कॉर्पोरेशन के अधिकारियों का कहना है कि टीम दोनों तरह के सिस्टम का अध्ययन कर रही है। जल्द ही इनकी अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
मेट्रो के दायरे में आएंगे सांवेर, मंडीदीप व सीहोर
मेट्रो रेल का दायरा बढ़ाने के लिए इंदौर-उज्जैन के बीच सांवेर और इसके आस-पास के क्षेत्रों को मेट्रोपोलिटन एरिया बनाया जाएगा। इस दायरे में मंडीदीप (भोपाल) और सीहोर को भी शामिल किया जाएगा। इसका प्रस्ताव नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग को भेजा गया है, जिसे कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। यह कवायद तीसरे चरण में होगी। इंदौर-उज्जैन, भोपाल के पास मंडीदीप और सीहोर को मेट्रो से जोड़ा जाएगा।