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उज्जैन

राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त जैन विद्वान का किया सम्मान

तीन दिवसीय वार्षिक सम्मेलन का हुआ समापन : देश-विदेश के शोधार्थियों ने प्रस्तुत किए अपने शोधपत्र

उज्जैनOct 14, 2019 / 12:49 am

rajesh jarwal

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तीन दिवसीय वार्षिक सम्मेलन का हुआ समापन : देश-विदेश के शोधार्थियों ने प्रस्तुत किए अपने शोधपत्र,तीन दिवसीय वार्षिक सम्मेलन का हुआ समापन : देश-विदेश के शोधार्थियों ने प्रस्तुत किए अपने शोधपत्र

शाजापुर. राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त जैन विद्वान डॉ. सागरमल जैन के सान्निध्य में शुक्रवार से प्राच्य विद्यापीठ में शुरू हुए इंडियन सोसायटी फॉर बुद्धिस्ट संस्था के 19वें अखिल भारतीय तीन दिवसीय वार्षिक सम्मेलन का समापन रविवार को हुआ। इस सम्मेलन में देश के विभिन्न स्थानों से आए विद्वानों और संस्थाओं ने डॉ. सागरमल जैन का सम्मान किया। तीन दिवसीय इस आयोजन में देश-विदेश के शोधार्थियों ने जैन धर्म और बौद्ध धर्म के तुलात्मक अध्ययन को लेकर अपने-अपने शोधपत्रों का वाचन किया।
प्राच्य विद्यापीठ में सम्मेलन के अंतिम दिन रविवार को आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध जैन विद्वान एवं समाजसेवी कृष्णचंद्र चौरडिय़ा चैन्नई ने की। मुख्य अतिथि के रूप में कोलकाता के प्रसिद्ध उद्योगपति श्वेतांबर जैन स्थानकवासी जैन सभा कोलकाता, जैन अस्पताल, जैन विद्यालय, जैन विचारमंच कोलकाता सहित अन्य संस्थाओं में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत 92 वर्षीय सरदारमल कांकरिया उपस्थित थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में तपाचार्य हेमकुंवर रसिकलाल धारीवाल कन्या महाविद्यालय रामा जिला भटिंडा पंजाब के संचालक मदनलाल मलवाला, वित्त सचिव मक्खनलाल और प्राचार्य पवनकुमार बंसल उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कोलकाता के कांकरिया ने संबोधित करते हुए कहा कि डॉ. सागरमल जैन महान हस्ती है। देश के गिने चुने जैन विद्वानों में शीर्ष पर डॉ. सागरमल जैन का नाम आता है। आज ऐसी हस्ती का सम्मान करने में मैं स्वयं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने बताया कि करीब 90 वर्ष पहले कोलकाता में सेवा संस्था की शुरुआत की थी। आज इस सेवा संस्था द्वारा 4 विद्यालय, 3 महाविद्यालय, एक अस्पताल और इग्नू सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। इसमें नाममात्र के सालाना शुल्क का लाभ करीब 20 हजार विद्यार्थी उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे कोलकाता में 3 स्थानों पर नि:शुल्क रूप से रात्रिकालीन विद्यालय का संचालन करते हैं। प्रतिवर्ष 1500 विद्यार्थियों को नि:शुल्क कॉपियां वितरित करते हैं। कांकरिया ने बताया कि कोलकाता में जो जैन अस्पताल है उसमें 29 डायलसिस की मशीन है इसमें से 6 मशीनें जरूरतमंदों के लिए हर समय उपलब्ध रहती हैं जो व्यवस्था उक्त अस्पताल में है वैसी देश के किसी भी अस्पताल में नहीं है। इस अस्पताल में बहुत कम राशि में उपचार किया जाता है। इसके अतिरिक्त विद्यालयों में कम्प्यूटर सेंटरों का भी संचालन किया जाता है। कार्यक्रम को भटिंडा पंजाब से आए विशिष्ट अतिथियों की पंजाबी भाषा के संबोधन का हिंदी अनुवाद करते हुए संचालन कर रहे डॉ. आरके जैन ने उपस्थितजनों के समक्ष प्रस्तुत किया।
5 लाख की राशि और सम्मान पत्र किया भेंट
कोलकाता से आए मुख्य अतिथि ने अपनी संस्था के अन्य साथियों के साथ मिलकर डॉ.सागरमल जैन को 5 लाख रुपए की राशि का चेक भेंट करते हुए शॉल, मोती जडि़त अंगोछा और सम्मान पत्र भेंट किया। भंटिडा के महाविद्यालय से आए अतिथियों ने डॉ. सागरमल जैन का पंजाबी पद्धति से भगवा उपरणा डालकर और मोतियों की माला से सम्मान किया। उन्होंने अपने महाविद्यालय में तीन वर्ष तक सेवा देने वाली तीन दिवसीय सम्मेलन की समन्वयक डॉ. तृप्ति जैन का भी सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन नवीन महाविद्यालय शाजापुर के पूर्व प्राध्यापक डॉ.आरके जैन ने किया व आभार पीयूष जैन ने माना। इस दौरान देश-विदेश से आए शोधार्थियों सहित जैन और बौद्ध धर्म के विद्वान व प्राच्य विद्यापीठ के सदस्य उपस्थित रहे। इस सम्मान के पश्चात डॉ. सागरमल जैन की ओर से जानकारी दी गई कि उन्हें सम्मान में मिली संपूर्ण राशि को प्राच्य विद्यापीठ में सुविधाओं के लिए खर्च किया जाएगा। साथ ही देशभर में जहां भी इस तरह के सम्मेलन का आयोजन होगा तो वहां पर सम्मेलन आयोजित करने वालों को 15 हजार रुपए हर बार डॉ. सागरमल जैन की ओर से भेंट दी जाएगी।

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