प्रशासन के संज्ञान में यह बात आई है कि संबंधित पुजारियों द्वारा यजमानों से अभी भी गर्भगृह के अंदर यह राशि ली जा रही है। इस कृत्य से ऐसा प्रतीत होता है कि जिला प्रशासन के आदेश की अवहेलना की जा रही है, यह कृत्य अशोभनीय है। आदेश जारी किया जाता है कि इस प्रकार की चढ़ौत्री पर तत्काल रोक लगाई जाए।
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इस तरह का आदेश जिला प्रशासन की ओर से 22 जुलाई को जारी हुआ है। इसी प्रकार पूर्व में जारी निर्देश के बावजूद भी मंगलनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करके पूजन-अर्चन और जल अर्पण करने के बदले जो रुपए मांगे जा रहे थे, वह यथावत जारी है। बता दें पिछले दिनों जबलपुर से आए एडवोकेट ने अपने परिवार के सदस्यों से यहां के पुजारी द्वारा रुपए मांगने और पूजन नहीं करने देने पर लिखित शिकायत की थी।
इसके संज्ञान में प्रशासन ने मंदिर प्रबंधन को यह आदेश जारी किया था कि मंदिर के गर्भगृह में किसी प्रकार का तय राशि शुल्क के अलावा कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, इसके बाद भी 100 रुपए की बेजावसूली यहां बदस्तूर जारी है। इस संबंध में भी 22 जुलाई को प्रशासन की ओर से आदेश जारी हुए हैं, जिसमें उल्लेख किया गया है कि मंगलनाथ मंदिर में शासकीय राशि एवं पूजन की तय राशि के अलावा 100 रुपए की राशि पंडितोां द्वारा नहीं वसूली जाए।
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