अब जब कुंभ राशि को छोड़कर मंगल का मीन राशि में प्रवेश हो रहा है, जहां पर पहले से ही देव गुरु बृहस्पति विद्यमान हैं, इस दृष्टि से मंगल-गुरु की प्रतियुति बनेगी। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि मीन राशि पर बनने वाली मंगल गुरु की युति अलग-अलग प्रकार से अलग-अलग प्रभाव को दर्शा रही है। 41 दिन का यह युति काल राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग घटनाक्रम के रूप में सामने आएगा।
मंगल केतु काबनेगा खड़ाष्टक
मीन राशि कृत मंगल का 8वीं दृष्टि से तुला राशि स्थित केतु से खड़ाष्टक दृष्टि संबंध बनेगा। मंगल केतु का नैसर्गिक शत्रुता का क्रम शास्त्र धर्म में उल्लिखित है, इस दृष्टिकोण से पूर्वोत्तर के राज्यों में अलग-अलग प्रकार के प्राकृतिक परिवर्तन के साथ वर्षा ऋतु का प्रभाव बाढ़ भूस्खलन आदि के रूप में दिखाई देगा।
मंगल-गुरु की युति का शनि से बनेगा द्विद्र्वादश योग
मंगल गुरु की युति का सही से द्विद्र्वादश योग बनाना पड़ोसी देशों के लिए महंगाई तथा आर्थिक मार से जुड़ा रहेगा कहीं-कहीं अर्थनीति की असफलता के कारण हालात बिगड़ेगे, वहीं भारत में राजनीतिक परिवर्तन की स्थिति भी दिखाई देगी।
किस राशि पर क्या रहेगा प्रभाव
मेष- धार्मिक कार्य होंगे व मान-सम्मान बढ़ेगा। नए रास्ते खुलेंगे।
वृषभ- आकस्मिक धन लाभ की प्राप्ति के योग। नया वाहन भी संभव।
मिथुन- राजकीय कार्य में प्रगति या राजनीतिक लाभ की प्राप्ति।
कर्क- मित्रों के माध्यम से नए स्टार्टअप्स की शुरुआत हो सकती है, प्रयास करें।
सिंह- अलग-अलग प्रकार की चुनौतियां सामने आ सकती हैं, किंतु विजय आपकी होगी।
कन्या- अनुकूल समय की शुरुआत के साथ रुके कार्य में गति तथा लाभ की प्राप्ति।
तुला- स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा, विशेषकर पेट से संबंधित समस्या ना हो।
वृश्चिक- सहयोगी सेवा के लिए आगे आएंगे, रुके कार्य में गति बढ़ेगी।
धनु- भूमि से जुड़े लाभ की प्राप्ति के योग बन रहे हैं, निवेश कर सकते हैं।
मकर- प्रतिष्ठा में वृद्धि तथा भाई बहनों का सहयोग मिलेगा।
कुंभ- परेशानियां कम होंगी, किंतु चुनौतियां बनी रहेंगी, आध्यात्मिक प्रयास लाभ देगा।
मीन- मंगल बृहस्पति की युति है, तीर्थाटन का योग और नए निवेश से लाभ।