२२ करोड़ के टेंडर मेें कंसल्टेंट फीस महज २ लाख रुपए रखी। जबकि सिंहस्थ के दौरान निकले अन्य टेंडरों में कंसल्टेंट फीस टेंडर कीमत का एक फीसदी रखी गई। इसी टेंडर में कम रखी गई।
कंसल्टेंट फीस महज दो लाख रुपए रखने के पीछे वजह है कि बड़ी राशि के टेंडर का विज्ञापन बड़े अखबारों और प्रदेश स्तर पर प्रकाशित करना होता। दो लाख के टेंडर को स्थानीय स्तर पर ही प्रकाशित करवा लिया, ताकि इसकी जानकारी नहीं पहुंचे।
दोनों टेंडरों में एक जैसी ही राइटिंग में भरे गए हैं। सर्वाधिक रेट वाला दूसरा टेंडर भरने वाले व्यक्ति को इसकी जानकारी नहीं है। हस्ताक्षर भी नकली है।
दो लाख के टेंडर में एक ने २.२० तो दूसरे १.९५ लाख रुपए की राशि भरी। जबकि २ लाख के टेंडर में कोई भी दो लाख से ज्यादा राशि नहीं भरता।
&सिंहस्थ में एलइडी टेंडर के लिए कंसल्टेंट के टेंडर में गड़बड़ी हुई है। एक ही व्यक्ति ने दोनों टेंडर भरे, इनमें एक जैसी राइटिंग है। दूसरे टेंडर भरने वाले व्यक्ति को इसकी जानकारी तक नहीं है। हमने इओडब्ल्यू में मय दस्तावेज के शिकायत करते हुए जांच की मांग की है।
आशीष यादव, शिकायतकर्ता
&सिंहस्थ में खरीदी एलइडी लाइट की गड़बडिय़ों की जांच जारी है। इसमें जो भी मामले सामने आएंगे उनकी भी जांच की जाएगी।
राजेश रघुवंशी, एसपी इओडब्ल्यू