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उज्जैन

अब किसान इस बात गुस्सा, कर दी यह मांग

कृषि उपज मंडी प्रांगण में जमा हुए जिले के सैकड़ों किसान

उज्जैनOct 04, 2019 / 01:01 am

rajesh jarwal

Now farmers are angry about this, made this demand

कृषि उपज मंडी प्रांगण में जमा हुए जिले के सैकड़ों किसान

शाजापुर. प्याज के भाव आसमान छूने लगे हैं, ऐसे में सरकार ने प्याज निर्यात पर पाबंदी लगा दी है, वहीं व्यापारियों के स्टॉक भी तय कर दिए हैं लेकिन प्याज निर्यात पर रोक लगाने से किसानों को जो मुनाफा हो रहा था वह अब दाम कम होने से नहीं हो पाएगा। ऐसे में किसान अब प्याज निर्यात पर लगी रोक को हटाने की मांग कर रहे हैं। इसी मांग को लेकर भारतीय किसान संघ के बैनर तले सैकड़ों किसान कृषि उपज मंडी प्रांगण में जमा हुए, यहां दो घंटे सभा के बाद किसानों ने वाहन रैली निकाली। इसके बाद कलेक्टर डॉ. वीरेंद्रसिंह रावत को प्रधानमंत्री और वाणिज्य मंत्री और मुख्यमंत्री के नाम प्याज निर्यात पर लगी रोक हटाने की मांग के ज्ञापन दिए गए।
भाकिसं ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा प्याज निर्यात पर लगाई रोक के निर्णय को वापस लेकर किसान के हितों को ध्यान में रखना चाहिए। किसानों ने कहा कि जिले में व्यापक पैमाने पर प्याज का उत्पादन होता है। ३-४ वर्षों से प्याज के दाम न मिलने के कारण किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता। अब किसानों को थोड़ा लाभ कमाने का मौका मिला है तो वाणिज्य मंत्री ने प्याज निर्यात पर रोक लगा दी। जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा। जिससे किसान आक्रोशित हैं। दोपहर १२ बजे से किसान कृषि उपज मंडी प्रांगण में जमा होना शुरू हो गए थे। तीन बजे तक यहां सभा का आयोजन किया गया। जिसके बाद रैली मंडी प्रांगण शुरू होकर कलेक्टोरेट तक पहुंची, रैली में सैकड़ों किसान शामिल थे, जो मांगों को लेकर नारे लगा रहे थे। कलेक्टोरेट पहुंचकर भाकिसं पदाधिकारियों ने कलेक्टर डॉ. वीरेंंद्रसिंह रावत को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व वाणिज्य मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान भाकिसं के जिला अध्यक्ष मोहन चौधरी, जिला मंत्री घनश्याम पाटीदार, जिला मीडिया प्रभारी राज बहादुरसिंह, तहसील मंत्री राजेंद्र गुर्जर सहित पदाधिकारी व किसान मौजूद थे।
६०० करोड़ पैकेज दें
प्रधानमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में भारतीय किसान संघ ने बताया कि जिले में हुई अतिवर्षा से सोयाबीन, मक्का, मूंग,उड़द जैसी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इस बारिश से उद्यानिकी फसलों को भी क्षति पहुंची हैं। अतिवृष्टी से ग्रामीण क्षेत्र में मकान व किसानों को पशुहानि का नुकसान भी हुआ है। भाकिसं ने प्रधानमंत्री से शाजापुर जिले के लिए ६०० करोड़ रुपए का विशेष राहत पैकेज की मांग की है। किसानों ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना में ६००० रुपए से बढ़ाकर १२००० रुपए और सभी किसानों को लाभ देने की मांग की। साथ ही नए मोटर व्हीकल में ट्रेक्टर को को मुक्त रखा जाए। किसानों ने प्रधानमंत्री से आर्थिक समस्या बताते हुए प्याज निर्यात पर लगी रोक हटाने की भी मांग की।
नुकसान ८०त्न मानें
किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में बताया कि जिले में अतिवर्षा से कहीं १०० फीसदी तो कही ८० फीसदी फसल बर्बाद हो गई। अभी खेतों में पानी जमा है, जिससे प्रतिबीघा २ हजार रुपए कटाई है, थ्रेसिंग में निकलने के बाद सोयाबीन छोटा व दागी हो रहा है। जिससे मंडी में कम दाम मिलेंगे। ऐसे में किसानों की लागत निकलना भी मुश्किल है। भाकिसं ने जिले के औसत नुकसान ८० प्रतिशत मानने की मांग की है। साथ ही कलेक्टर डॉ. वीरेंद्रसिंह रावत से हर खेत में सर्वे कराने की मांग की। किसानों ने बताया कि अभी तक अनेक खेतों का सर्वे नहीं हुआ है। अब किसान जहां खेत सूखते जा रहे है वहां कटाई करने लगे है। किसानों ने जल्द सभी खेतों में सर्वे की मांग की है। किसानों ने गत वर्ष सोयाबीन की प्रोत्साहन राशि ५०० रुपए की भी मांग की है।
मौका क्यों छीन रहे
किसानों ने केंद्रीय रेल व वाणिज्य मंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में प्याज के निर्यात पर रोक लगाए निर्णय को गलत बताया। किसानों ने कहा प्याज में प्रति बीघा ३५ से ४० हजार रुपए किसानों की लागत लगती है। ३-४ वर्षों से किसान प्याज के भाव नहीं मिलने से आर्थिक नुकसान उठा रहे हैं। इस बार अतिवृष्टि से भी किसानों को भारी नुकसान हुआ है। अब जब नुकसान की भरपाई होने का मौका मिला है तो केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी। जिससे प्याज उत्पादक किसानों को आर्थिक नुकसान होगा।
किसानों ने खुद सर्वे कर सौंपी रिपोर्ट
किसानों ने बताया कि अभी पटवारियों ने सभी खेतों का सर्वे नहीं किया है। सिर्फ रोड किनारे ही खेतों को देखा गया है। अनेक खेत अभी भी छूटे हुए हैं। भारतीय किसान संघ ने जिले के सभी किसानों से अपने-अपने खेत का सर्वे कराया और नुकसान का आंकलन किया। जिसकी रिपोर्ट भी स्वयं किसानों ने ज्ञापन के दौरान सर्वे रिपोर्ट के पुलिंदे भी प्रशासन को सौंपे गए। किसानों ने प्रशासन से कहा कि अगर किसानों का सर्वे गलत हो तो प्रशासन खेतों में आकर सर्वे कर सकता है। किसानों ने उनके द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार ही नुकसान आंकने की मांग कही।
व्यापारी नही कर सकेंगे ५० मीट्रिक टन से अधिक प्याज का स्टॉक
भारत सरकार के आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत खाद्य पदार्थों से अनुज्ञापन संबंधी अपेक्षाए, स्टॉक सीमा, और संचलन निर्बंधन हटाना आदेश 2016 में किए गए संशोधन के अनुसार राज्य शासन द्वारा आमजनों के लिए प्याज की उपलब्धता बनाए रखने के लिए स्टॉक सीमा निर्धारण किया गया हैं। राज्य शासन द्वारा जारी आदेश अनुसार 30 नवंबर की अवधि तक कोई भी थोक व्यापारी 50 मीट्रिक टन तथा फुटकर विक्रेता 10 मीट्रिक टन से ज्यादा प्याज का स्टॉक नहीं रख सकेंगे। इस संबंध में गत दिनों कलेक्टर डॉ. वीरेंद्रसिंह रावत ने जिले के प्याज व्यापारियों के साथ बैठक कर चर्चा की तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत शासन द्वारा जारी आदेश से अवगत कराया। साथ ही उन्होंने व्यपारियों को निर्देश दिए की निर्धारित सीमा से अधिक प्याज का स्टॉक पाए जाने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने उद्यान विभाग के उपसंचालक को शासकीय प्याज खरीदी के आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए थोक एवं फुटकर व्यापारियों को सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं।
निर्धारित सीमा से अधिक प्याज के भंडारण की जांच के लिए कलेक्टर डॉ. वीरेंद्रसिंह रावत द्वारा दल का गठन किया गया है। दल अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के निर्देशन में कार्य करेंगे। शाजापुर, शुजालपुर, कालापीपल एवं पोलायकलां तहसील के लिए गठित जांच दल में संबंधित तहसील के अनुविभागीय अधिकारी द्वारा नामित तहसीलदार-नायब तहसीलदार, सहायक-कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी, वरिष्ठ उद्यानिकी अधिकारी, कृषि उपज मंडी सचिव, मंडी निरीक्षक को रखा गया है। तहसीलों के लिए गठित जांच दल के नोडल अधिकारी संबंधित कृषि उपज मंडी के मंडी सचिव रहेंगे।
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