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उज्जैन

महाकाल में हुई घटना से नहीं लिया सबक, बिना सुरक्षा हो रही दान राशि की गणना….

मंदिरों में दान राशि की गणना बगैर सुरक्षा और बिना निगरानी के हो रही है।

उज्जैनAug 31, 2018 / 01:55 pm

Lalit Saxena

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उज्जैन. शासन के आधिपत्य वाले मंदिरों में दान राशि की गणना बगैर सुरक्षा और बिना निगरानी के हो रही है। करीब तीन वर्ष पहले महाकाल मंदिर गणना के दौरान गड़बड़ी सामने आने के बाद जारी निर्देशों का मंदिरों में पालन नहीं किया जा रहा है।


जिले के शासकीय मंदिरों की दान पेटियों को एक निश्चित समयावधि के बाद खोलकर दान राशि की गणना कर प्रशासन के खाते में शासकीय कोषालय में जमा होती है। महाकाल मंदिर को छोड़कर शेष अन्य शासकीय मंदिरों की दान राशि गणना में लापरवाही बरती जा रही है। मंदिरों के खुले स्थानों पर राशि की गणना हो रही है। इन जगह पर सुरक्षा तो है नहीं, कैमरे से भी निगरानी नहीं रखी जा रही है।

गढ़कालिका में राशि की गिनती
गढ़कालिका मंदिर में दान राशि की गणना के दौरान लापरवाही सामने आई है। घट्टिया अनुभाग के तहसीलदार के निर्देश पर गुरुवार को मंदिर प्रबंध समिति के प्रबंधक मूलचंद जाटवा के मार्गदर्शन में गढ़कालिका माता मंदिर की दानपेटी खोलकर राशि गणना के लिए पटवारी दीपाली विश्वकर्मा, धीरज निगम, लक्ष्मीनारायण कछवाय, गोपाल मंदोरिया, शैलेन्द्र शर्मा, लोकेश गेहलोत, जाकिर मंसूरी, चंद्रशेखर चौहान, योगेश टेम्भूर्णे, मोनिका मानवटकर, श्वेता पांडे, प्रियंका चौहान की ड्यूटी लगाई थी। दान पेटी से प्राप्त राशि को बोरों में भरकर गुरुवार को मंदिर के द्वार स्थित ओटलेनुमा स्थान पर ढेर लगा दिया गया। पहले नोट को उनके आकार के अनुसार अलग-अलग किया गया। इसके बाद इनकी गणना की गई। कर्मचारियों ने यह कार्य गोल घेरा बनाकर किया। इस दौरान सुरक्षा तो दूर कार्य की निगरानी के इंतजाम नहीं थे। कार्य शाम तक चलता रहा।

महाकाल मंदिर में हो चुकी है गड़बड़ी
दान की राशि गणना में गड़बड़ी का सबसे पहला मामला महाकाल मंदिर में सामने आया था। तीन वर्ष पहले पुराने प्रशासनिक कार्यालय के कक्ष में दान राशि गणना का कार्य किया जाता था। गणना कार्य करने वाले मंदिर के एक सेवक द्वारा हाथ की सफाई दिखाकर दान की राशि से रुपए उड़ाए जाते थे। मंदिर के सीसीटीवी में घटना रिकॉर्ड होने के बाद सेवक पर कड़ी नजर रखकर उसे पकड़ा गया था। इसके बाद महाकाल मंदिर में गणना के लिए अलग से कक्ष का निर्माण करने के साथ अन्य शासकीय मंदिरों में दान राशि की गणना कैमरे की निगरानी के साथ सुरक्षित स्थान पर करने के निर्देश दिए गए थे। इनका पालन नहीं हो रहा है।

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