scriptvideo : उज्जैन में एक अरब की लागत से तैयार गुरुद्वारा : अमृतसर से लाए गुरुग्रंथ साहिब की यहां होगी स्थापना | The creation of a new gurdwara in Ujjain, will come from Amritsar | Patrika News
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video : उज्जैन में एक अरब की लागत से तैयार गुरुद्वारा : अमृतसर से लाए गुरुग्रंथ साहिब की यहां होगी स्थापना

श्रीगुरुनानक घाट परिसर आने वाले दिनों में पांच राज्यों के लिए सिख समाज की धार्मिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र होगा।

उज्जैनMay 30, 2019 / 09:17 pm

Lalit Saxena

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उज्जैन. भारत में उज्जैन ही एक ऐसा शहर है जहां नदी किनारे सिख समुदाय के गुरुद्वारे का निर्माण किया गया है। करीब एक अरब की लागत से बना गुरुद्वारा सिख समाज की धार्मिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बन चुका है। निर्मित गुरुनानक गुरुद्वारा का संगतार्पण (लोकार्पण) 2 जून को किया जा रहा है। इसमें अमृतसर गोल्डन टेम्पल से लाए गए गुरुग्रंथ साहिब की स्थापना की जाएगी। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंध समिति के अध्यक्ष गोविंदसिंघ लोगोंवाल और सिख समाज के प्रमुख जत्थेदार-संत शिरकत करेंगे।

पांच राज्यों के लिए धार्मिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र होगा
गुरुद्वारा श्रीगुरुनानक घाट परिसर आने वाले दिनों में पांच राज्यों के लिए सिख समाज की धार्मिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र होगा। मोक्षदायिनी शिप्रा किनारे जहां अनेक मंदिर और देवालय हैं, तो मौलाना मौज की दरगाह भी है। इसे सांप्रदायिक सौहार्द्र का प्रतीक ही कहेंगे कि शिप्रा किनारे गुरुद्वारा श्रीगुरुनानक घाट भी है। करीब एक अरब की लागत से तैयार होने वाले सिखों के इस धार्मिक परिसर में गुरुद्वारा साहिब का निर्माण हो गया है, जहां गुरुग्रंथ साहब प्रकाशवान होंगे।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंध समिति के अधीन
शिप्रा किनारे ऐतिहासिक महत्व के वर्तमान स्थान पर गुरुद्वारा फ्रीगंज की ओर से गुरुद्वारे की योजना तैयार की गई थी। इस स्थान की खोज उदासीन संत महामंडेश्वर ईश्वरदास महाराज ने की थी। निर्माण के लिए जत्थेदार सुरेंद्र सिंह अरोरा ने कुछ समय पहले शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति से आग्रह किया था। प्रबंध समिति के तात्कालीन प्रमुख अवतार सिंह मक्कड़ नीतिगत व्यवस्था के तहत गुरुद्वारे का निर्माण शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति को सौंपने का सुझाव दिया था। इसी क्रम में गुरुद्वारा फ्रीगंज की ओर से एक रु. की रजिस्ट्री पर गुरुद्वारा श्रीगुरुनानक घाट विकास और निर्माण के लिए जमीन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति को सौंप दी। गुरुद्वारा साहिब का निर्माण हो चुका है और अन्य निर्माण कार्य जारी है। गुरुद्वारा श्रीगुरुनानक घाट की कारसेवा संत कश्मीरसिंघ भूरीवाले और बाबा सुख्खा भूरीवाले द्वारा की जा रही है। एक अनुमान के अनुसार आने वाले पांच वर्षों में गुरुद्वारा श्रीगुरुनानक घाट परिसर पूर्ण आकार में आ जाएगा।

कई प्रमुख संत शिरकत करेंगे
महाकाल की नगरी में मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर 2 जून को गुरुद्वारा साहिब का संगतार्पण (लोकार्पण) सिख समुदाय की प्रमुख धार्मिक हस्तियों की मौजूदगी में होगा। इसमें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंध समिति के अध्यक्ष गोविंदसिंघ लोगोंवाले, अकाल तख्त के ज्ञानी हरप्रिसिंघ, केशवगढ़ तख्त के जत्थेदार रघुवीरसिंघ, हरमिंदर साहिब के प्रमुख ग्रंथी ज्ञानी जगतारसिंघ,उदासीन नया अखाडे़ के महामण्डलेश्वर स्वामी शांतानंद के साथ ही पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाशसिंह बादल उज्जैन के प्रमुख संत मौजूद रहेंगे।

अमृतसर से लाए गुरुग्रंथ साहिब की स्थापना होगी
गुरुद्वारा श्री गुरुनानक घाट में अमृतसर से लाए गए गुरुग्रंथ साहिब की स्थापना होगी। ३१ मई को सुबह 6 बजे कंठाल चौराहा से चल समारोह निकलेगा। सुबह 7.30 बजे गुरुद्वारा साहिब में गुरुग्रंथ साहिब को विराजित किया जाएगा। इसके बाद अखंड पाठ साहिब का शुभारंभ होगा। 2 जून को पाठ की समाप्ति के बाद गुरुद्वारे का शुभारंभ किया जाएगा। सुबह 5 बजे शहर के चार गुरुद्वारों से कीर्तन यात्रा निकलेगी। सुबह 6 बजे कंठाल पर चारों यात्राओं का समागम होगा। बुधवारिया स्थित माता गुजरी गुरुद्वारा से अमृतसर से लाए गए गुरुग्रंथ साहिब की पालकी यात्रा भी कंठाल आएगी। यहां से संयुक्त चल समारोह गुरुनानक घाट के लिए रवाना होगा। प्रमुख मार्गों से होकर यात्रा सुबह 7 बजे गुरुनानक घाट पहुंचेगी। नवनिर्मित गुरुद्वारे में गुरुग्रंथ साहिब को विराजित किया जाएगा।

 

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गुरुद्वारा श्री गुरुनानक घाट में कार्यक्रम
31 मई सुबह 10 बजे अखंडपाठ साहिब का प्रारंभ, 2 जून को सुबह 9 बजे अखंडपाठ साहिब की समाप्ति, 9.30 से 12.30 तक शबद कीर्तन हजूरी रागी जत्थे द्वारा, दोपहर 12.30 बजे मप्र सिख समाज द्वारा पंथ प्रमुखों का सिरोपा सम्मान, दोपहर 1.30 से 2.30 तक नगर की 51 सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं द्वारा शिरोमणी गुरुद्वार प्रबंध समिति के अध्यक्ष का अभिनंदन, 2.30 से 3 बजे तक अन्तरराष्ट्रीय सिख समाज द्वारा संतों का अभिनंदन किया जाएगा।

1100 कारों का काफिला आएगा उज्जैन
नवनिर्मित गुरुद्वारे के शुभारंभ में शामिल होने के लिए देश-विदेश से करीब 10 हजार समाजजन उज्जैन आएंगे। इंदौर से 1100 कारों का काफिला उज्जैन आएगा। इसमें 25 बसें भी शामिल रहेंगी। इसके अलावा अन्य शहरों से भी वाहनों में संगत का आगमन होगा। कारों का काफिला नानाखेड़ा से नगर में प्रवेश कर सिंधी कॉलोनी चौराहा, टॉवर चौराहा, चामुण्डा माता चौराहा, देवास गेट, इंदौर गेट हरिफाटक ओवर ब्रिज, हरसिद्धि मंदिर होते हुए गुरुद्वारा श्रीगुरुनानक घाट पहुंचेगा।

30 एसी रूम निर्माण का होगा भूमिपूजन
गुरुद्वारा साहिब के शुभारंभ के बाद परिसर में 30 वातानुकूलित कमरों के निर्माण के लिए भूमिपूजन होगा। शहर के गरीब परिवारों की कन्या के विवाह के लिए गुरुद्वारा कमेटी द्वारा नि:शुल्क कमरे उपलब्ध कराने की योजना है। परिसर में लंगर हॉल और अन्य कक्षों का निर्माण भी होगा।

उज्जैन का सातवां गुरुद्वारा
उज्जैन में है 6 गुरुद्वारे हैं। इसमें गुरुसिंघ सभा गुरुद्वारा दूध तलाई, गुरुद्वारा फ्रीगंज, गुरुद्वारा पटनी बाजार, माता गुजरी गुरुद्वारा गीता कॉलोनी, गुरुद्वारा नानाखेड़ा और गुरुद्वारा भैरवगढ़ हैं। सातवां शिप्रा किनारे गुरुद्वारा श्री गुरुनानक घाट बनकर तैयार हो गया है।

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