सरकारी स्कूलों का बोर्ड परीक्षा रिजल्ट सुधारने के लिए स्कूली शिक्षा विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। प्रशिक्षण, विशेष क्लास, प्री-एग्जाम जैसे सभी जतन किए जा रहे हैं। इसके बावजूद कई स्कूल पूरी तरह से फेल नजर आए हैं। इन स्कूलों के जिम्मेदारों पर विभाग ने परीक्षा से पहले ही सख्त कार्रवाई की बात कही थी। विभाग ने 0 से 40 प्रतिशत तक रिजल्ट देने वाले स्कूलों के प्राचार्य की वेतनवृद्धि रोकी है। हालांकि परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद प्राचार्य ने अतिथि शिक्षक व अन्य अव्यवस्थाओं को जिम्मेदार बताया था।
९वीं से १२वीं तक का प्लान तैयार स्कूलों का रिजल्ट सुधारने के लिए कक्षा 9वीं से 12वीं तक का प्लान तैयार किया गया। स्कूलों के शिक्षकों को ब्रिज कोर्स के तहत ट्रेनिंग दी जा रही है। कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए लगातार अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जाएंगी। इसमें विद्यार्थियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जिन विषयों में विद्यार्थी ज्यादा कमजोर हैं, इन कक्षाओं में विशेषज्ञ शिक्षकों की तैैनाती की जाएगी। एडीपीसी गिरीश तिवारी का कहना है कि स्कूलों का रिजल्ट सुधारने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जहां रिजल्ट कम रहा है। वहां की व्यवस्थाओं की हर दिन मॉनिटरिंग की जा रही है।
प्राचार्य की तीन वेतन वृद्धि रोकी विभाग ने 0 से 40 प्रतिशत तक रिजल्ट देने वाले स्कूलों के प्राचार्य की तीन वेतन वृद्धि रोकी गई। कमर अली प्राचार्य तोपखाना, रतनलाल सोनगरा प्राचार्य उन्हेल, रामजी त्रिपाठी प्राचार्य हाईस्कूल बोरखेड़ा पितरामल, अनिल वरुनकर प्राचार्य बोलखेड़ महिदपुर, कल्पना श्रीवास्तव प्राचार्य हाईस्कूल हासामपुरा, प्रीति शुक्ला प्राचार्य नयापुरा 2, संतोष नगराले प्रभारी प्राचार्य हाईस्कूल रानाहेड़ा, सलीम खान प्रभारी प्राचार्य बड़ागांव खाचरौद शामिल हैं। इसमें इसी के साथ 30 से 40 प्रतिशत तक रिजल्ट देने वाले स्कूलों के प्राचार्य की भी दो वेतन वृद्धि रोकी जाएगी।